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गांधीनगर: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को कहा कि गुजरात में सेमीकंडक्टर चिप बनाने का कारखाना लगाने के लिए टाटा समूह का निवेश ‘बहुत बड़ा’ होगा और परियोजना की मंजूरी को लेकर एक कैबिनेट नोट जल्द पेश किया जाएगा। वाइब्रेंट गुजरात के वैश्विक शिखर सम्मेलन में इस बात की जानकारी दी गयी है।

वैष्णव ने गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन में कहा कि टाटा का प्रस्तावित निवेश महत्वपूर्ण है क्योंकि यह फैब से लेकर ओएसएटी (आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट) तक व्यापक सेवा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि गुजरात के धोलेरा में प्रस्तावित फैब एक सेमीकंडक्टर चिप विनिर्माण कारखाना होगा। इसमें कंपनी का ‘बड़ा निवेश’ होगा।

वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा, “इसपर पहले ही काफी अच्छी प्रगति हो चुकी है। हम इसे बहुत जल्द मंत्रिमंडल में ले जाएंगे और उसके बाद निर्माण शुरू हो जाएगा।”

उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी की जरूरत होगी। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि टाटा समूह परियोजना स्थापित करने के लिए तकनीकी भागीदार के साथ गठजोड़ करेगा। हालांकि, उन्होंने भागीदार का नाम या निवेश का विवरण साझा करने से इनकार कर दिया।

उल्लेखनीय है कि यहां वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन के दसवें संस्करण में अपने संबोधन में टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने घोषणा की थी कि समूह धोलेरा में सेमीकंडक्टर चिप बनाने का बड़ा कारखाना लगाएगा। इस संदर्भ में बातचीत अंतिम चरण में है। परियोजना 2024 में शुरू होगी।

वैष्णव ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सेमीकंडक्टर फैब एक मूलभूत उद्योग है, जिसका व्यापक प्रभाव होता है।    इस बीच, उन्होंने कहा कि सेमीकंडटर उद्योग से जुड़ी दक्षिण कोरियाई कंपनी सिमटेक ने 1,250 करोड़ रुपये लगाने के लिए हस्ताक्षर किए हैं। इसमें से एक चौथाई हिस्सा पूंजी सब्सिडी योजना के तहत सरकार से आएगा। मंत्री ने कहा, गुजरात ने साणंद में सिमटेक को कारखाना लगाने के लिए 30 एकड़ जमीन दी है।

-एजेंसी इनपुट के साथ