नयी दिल्ली: मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Adviser) वी अनंत नागेश्वरन (V Anantha Nageswaran) ने सावधानी बरतते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrencies) को फिएट करेंसी बनने की परीक्षा पास करनी अभी बाकी है। उन्होंने साथ ही कहा कि क्रिप्टो करेंसी को विनियमित करना भी मुश्किल होगा। फिएट करेंसी सरकार द्वारा समर्थित मुद्रा है, और यह किसी कीमती धातु की जगह सरकार में भरोसे पर टिकी होती है।
उन्होंने आगे कहा कि फिएट करेंसी के विपरीत, क्रिप्टो मुद्राएं निहित मूल्य, व्यापक स्वीकार्यता और मौद्रिक इकाई जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकती हैं। नागेश्वरन ने विकेंद्रीकृत वित्त (डीएफआई) का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हालांकि, इसे नवाचार माना जाता है, लेकिन मैं अपना निर्णय सुरक्षित रखूंगा कि क्या यह वास्तव में नवाचार है या यह कुछ ऐसा है, जिसका हमें पछतावा होगा।”
उन्होंने एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि वह आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर से सहमत हैं, जो कह रहे हैं कि क्रिप्टो करेंसी और विकेंद्रीकृत वित्त के संबंध में यह नियामक मध्यस्थता का मामला अधिक लग रहा है, बजाए कि वास्तविक वित्तीय नवाचार के।
उन्होंने कहा, ‘‘फिएट मुद्राओं के विकल्प के रूप में क्रिप्टो करेंसी को कई उद्देश्यों को पूरा करना होगा। इसमें निहित मूल्य होना चाहिए। इसकी व्यापक स्वीकार्यता होनी चाहिए और यह एक मौद्रिक इकाई होनी चाहिए… इस लिहाज से क्रिप्टो या डीएफआई जैसे नए नवाचार को अभी परीक्षा पास करनी बाकी है।” (एजेंसी)