कांग्रेस को बड़ा झटका उपचुनावों में BJP का परचम

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प्रधानमंत्री मोदी (Narendra modi) की लोकप्रियता का पूरा-पूरा लाभ बीजेपी(BJP) को मिल रहा है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण है कि 11 राज्यों के विधानसभा उपचुनाव में 57 में से 41 सीटों पर बीजेपी ने विजय हासिल की है. इससे स्पष्ट है कि जनता का बीजेपी के प्रति विश्वास बना हुआ है. यद्यपि कोरोना(Coronavirus)से निपटने में सरकार की विफलता, करोड़ों लोगों की नौकरी से छंटनी, वेतन कटौती, उद्योग-धंधे बंद होने, अर्थव्यवस्था ध्वस्त होने जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमला करती रही किंतु फिर भी जनता ने बीजेपी का साथ दिया. उपचुनाव में कांग्रेस(Congress)को हर तरफ बड़ा झटका लगा. उसे केवल 10 सीटें मिल पाईं. जनता यह मानकर चलती है कि बीजेपी ही स्थायित्व दे सकती है. मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 25 विधायक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. वहां हुए विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी ने 17 सीटें जीत लीं.

बीजेपी ने अन्य राज्यों में भी अपना परचम लहराया. गुजरात के विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी ने सभी 8 सीटें जीत लीं. बीजेपी ने सौराष्ट्र में 5 तथा आदिवासी बहुल क्षेत्र में 1 सीट जीती. जीतने वाले 5 विधायक पूर्व कांग्रेसी थे जो राज्यसभा चुनाव के पहले पार्टी बदलकर बीजेपी में शामिल हो गए थे. यूपी की 7 में से 6 सीटों पर बीजेपी ने सफलता पाई. सिर्फ 1 सीट सपा को मिली. मणिपुर में बीजेपी ने 4 सीटें कब्जे में ले लीं. पांचवीं सीट निर्दलीय ने जीती. कर्नाटक की दोनों सीटें बीजेपी के खाते में गईं. ओडिशा, तेलंगाना, नगालैंड में भी कांग्रेस को पराजय का सामना करना पड़ा. ओडिशा की 2 सीटों पर बीजद ने जीत हासिल की. मध्यप्रदेश में कमलनाथ-दिग्विजय की जोड़ी 8 सीटें हासिल कर पाई. खास बात यह है कि उपचुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस से 31 सीटें छीन ली हैं. 11 में से 7 राज्यों में बीजेपी को सफलता मिली. यूपी में योगी आदित्यनाथ का दबदबा कायम है.

वहां पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी चेतन चौहान की मृत्यु से रिक्त सीट पर उनकी पत्नी व बीजेपी प्रत्याशी संगीता चौहान ने चुनाव जीता. बीजेपी ने बांगरमऊ सीट भी जीत ली जहां का प्रतिनिधित्व पहले दुष्कर्म व हत्या का आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर किया करता था. मध्यप्रदेश और गुजरात में कांग्रेस से 26 सीटें छीन लेना बीजेपी की बड़ी सफलता है. मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के 22 में से 15 अनुयायियों ने चुनाव में सफलता पाई. इस पर सिंधिया की प्रतिक्रिया थी कि चुनावी नतीजों ने बता दिया कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह गद्दार हैं. सिंधिया समर्थक 14 विधायकों में से 11 को बीजेपी सरकार में मंत्री बनाया गया था. ये सभी अपने पुराने चुनाव क्षेत्रों से जीत गए. इमरती देवी की चुनावी हार सिंधिया के लिए बड़ा झटका रहा. ग्वालियर में भी सिंधिया समर्थक मुन्नालाल गोयल को कांग्रेस के सतीश सिकरवार ने हरा दिया. बीजेपी को ग्वालियर- चंबल क्षेत्र की 16 सीटों पर जीत हासिल हुई.