Asaduddin Owaisi

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नई दिल्ली: एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने बीजेपी नेता और महाराष्ट्र (Maharashtra) के डिप्‍टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के उस बयान का पलटवार किया है। जिसमें उन्होंने कहा था कि 6 दिसंबर 1992 को जब ‘कार सेवकों’ ने बाबरी ढांचा गिराया था, तब वहां मौजूद रहकर उन्हें गर्व और खुशी महसूस हुआ। ओवैसी ने कहा कि इस तरह के बयान से देश में अराजकता फैलायी जा रही है। उन्‍होंने कहा कि संव‍िधान के पद पर बैठकर आप बकवास कर रहे हैं।   

फडणवीस के बयान पर किया पलटवार 

एआईएमआईएम मुखिया ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, ”इस तरह के बयान से देश में अराजकता फैलायी जा रही है। उन्‍होंने कहा कि संव‍िधान के पद पर बैठकर आप बकवास कर रहे हैं। अगर ह‍िम्‍मत रखते हैं तो आप कोर्ट में जाकर कहना चाह‍िए था क‍ि बाबरी मस्‍ज‍िद को आपने तोड़ा था। सभी धर्म और जात‍ि के ल‍िए आपका नजर‍िया सभी के ल‍िए एक होना चाहिए। एक धर्म सम्‍प्रदाय के ल‍िए इस तरह की बातें एक संवैधान‍िक पद पर रहकर नहीं करनी चाह‍िए।”   

जब तक जिंदा रहेंगें 6 दिसंबर की बात करेंगें

एआईएमआईएम सांसद ने आगे कहा कि मोदी सरकार को बताना चाहिए क‍ि उनकी इस देश को लेकर क्या पॉलिसी है?  उन्होंने यह भी कहा कि जब तक हम जिंदा रहेंगें 6 दिसंबर की बात करेंगें। उनकी गाड़ी पर हमला हुआ था। अब क्‍या हमें गोली मारेंगें। हम बोलते रहेंगे। 1955 में मथुरा के इदगाह को लेकर समझौता हुआ था। 6 दिसंबर को मस्जिद को शहीद किया गया।

CAA को लेकर दिया बड़ा बयान 

वहीं,  एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर बड़ा बयान द‍िया है। उन्होंने कहा कि सीएए संविधान विरोधी है और यह कानून का उल्लंघन करता है। सीएए धर्म के आधार पर बना है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक,  हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा,  “सीएए संविधान विरोधी है। यह एक कानून है जो धर्म के आधार पर बनाया गया है। सीएए को एनपीआर-एनआरसी के साथ पढ़ा और समझा जाना चाहिए जो इस देश में आपकी नागरिकता साबित करने के लिए शर्तें तय करेगा। यदि ऐसा होता है तो यह घोर अन्याय होगा, विशेषकर मुसलमानों, दलितों और भारत के गरीबों के साथ, चाहे वे किसी भी जाति या धर्म के हों।”