नोंगपोह: कांग्रेस (Congress) की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ (Bharat Jodo Nyay Yatra) सोमवार को मेघालय पहुंची। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अगुवाई में यह यात्रा दोपहर बाद असम (Assam) के मोरीगांव जिले से मेघालय (Meghalaya) में दाखिल हुई। राज्य की सीमा में प्रवेश करने के तुरंत बाद राहुल गांधी और पार्टी के कई नेताओं ने री भोई जिले के मुख्यालय शहर नोंगपोह के पास एक पदयात्रा में भाग लिया।
वह री भोई जिले के बर्नीहाट में रात बिताने से पहले नोंगपोह में प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित की जाने वाली एक सार्वजनिक बैठक में भी भाग लेंगे। यह यात्रा असम दौरे के अपने अंतिम चरण के लिए मंगलवार को फिर से असम में दाखिल होगी। राहुल गांधी का मंगलवार सुबह असम-मेघालय सीमा पर युवाओं के साथ बातचीत में शामिल होने का कार्यक्रम है।
'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' | DAY 9
अन्याय के खिलाफ न्याय की महायात्रा असम से मेघालय में प्रवेश कर रही है।
इस दौरान @INCAssam अध्यक्ष @BhupenKBorah जी ने राष्ट्रीय ध्वज @INCMeghalaya अध्यक्ष विंसेंट एच पाला जी को सौंपा।
हम तानाशाही सरकार से डरने वाले नहीं है।
हम लड़ते रहेंगे,… pic.twitter.com/Md5Mp9FUSg— Congress (@INCIndia) January 22, 2024
इससे पहले, दिन में राहुल को वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान पर जाने से इस आधार पर रोक दिया गया था कि उनकी यात्रा के दौरान कानून और व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। मंदिर में जाने से रोके जाने के बाद राहुल गांधी ने सोमवार को इस बात पर सवाल उठाया कि कानून-व्यवस्था संकट के दौरान सभी लोग वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान पर जा सकते हैं, लेकिन केवल ‘वह नहीं जा सकते।’
राहुल गांधी ने असम के नगांव स्थित मंदिर में जाने से रोके जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए प्राधिकारियों से पूछा कि क्या अब यह प्रधानमंत्री मोदी तय करेंगे कि मंदिर में कौन जाएगा। मंदिर में जाने से ‘रोके जाने पर’ राहुल गांधी ने कहा हम कोई समस्या पैदा नहीं करना चाहते, केवल मंदिर में पूजा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा ‘‘हम लोग, लोगों को एक साथ लाने विश्वास करते हैं, नफरत फैलाने में नहीं।”
उन्होंने कहा, ‘‘वह (शंकरदेव) हमारे लिए एक गुरु की तरह हैं और हमारा मार्गदर्शन करते हैं। इसलिए जब मैं असम आया तो मैंने सोचा था कि मुझे उनके प्रति अपना आभार प्रकट करना चाहिए।” गांधी ने कहा कि उन्हें 11 जनवरी को शंकरदेव के जन्मस्थान का दौरा करने का निमंत्रण मिला था लेकिन ‘‘रविवार को हमें बताया गया कि वहां कानून-व्यवस्था का कुछ मसला है।”