Eid
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    नई दिल्ली: दिल्ली समेत देश के किसी भी हिस्से में रविवार को ईद का चांद नजर नहीं आया, इसलिए ईद-उल-फित्र (Eid-ul-Fitr) का त्योहार मंगलवार को मनाया जाएगा तथा सोमवार को 30वां और आखिरी रोज़ा होगा।

    फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में ईद का चांद नज़र नहीं आया है, इसलिए ईद का त्योहार मंगलवार तीन मई को मनाया जाएगा।  उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश,, बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान समेत किसी भी राज्य से चांद दिखने की खबर नहीं मिली है।” 

    उन्होंने कहा कि सोमवार को 30वां रोज़ा होगा और शव्वाल (इस्लामी कैलेंडर के 10वें महीने) की पहली तारीख मंगलवार को होगी। शव्वाल के महीने के पहले दिन ईद होती है। वहीं, जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने एक बयान में कहा कि देश के किसी हिस्से से शव्वाल यानी ईद-उल-फित्र का चांद दिखने की कोई खबर नहीं है। 

    बुखारी ने कहा, “ईद तीन मई मंगलवार के दिन होगी।”  उधर, मुस्लिम संगठन इमारत-ए-शरिया हिंद ने भी एलान किया है कि रविवार को देश के किसी हिस्से में मीठी ईद का चांद नज़र नहीं आया है, लिहाज़ा मंगलवार को दिल्ली व देश के अन्य हिस्सों में ईद का त्योहार मनाया जाएगा। 

    संगठन ने एक बयान में कहा, “ उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर, आज़मगढ़ और सीतापुर, बहराइच, मध्य प्रदेश के खरगोन, गुजरात के गोधरा, महाराष्ट्र के धुले, कर्नाटक के बेंगलुरु, बंगाल, असम, कश्मीर और पंजाब में आदि से संपर्क किया गया, लेकिन कहीं से भी चांद दिखने की सूचना नहीं है।” 

    मुस्लिम धर्म गुरु रशीद फिरंगी महली ने यह भी घोषणा की कि शव्वाल का चांद नज़र नहीं आया है और इसलिए ईद तीन मई को मनाई जाएगी।   मुसलमानों के लिए अभी इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना ‘रमज़ान’ चल रहा है जिसमें समुदाय के लोग रोज़ा (व्रत) रखते हैं। रमज़ान के महीने में रोज़ेदार सुबह सूरज निकलने से पहले से लेकर सूरज डूबने तक कुछ नहीं खाते- पीते हैं। यह महीना ईद का चांद नजर आने के साथ खत्म होता है।

    बता दें कि इस्लामी कैलेंडर में महीना 29 या 30 दिन का होता है, जो चांद के हिसाब से तय होता है।   मुफ्ती मुकर्रम ने लोगों से गुजारिश की वे ईद की नमाज़ से पहले ‘फित्रा’ (दान) जरूर करें।  उन्होंने कहा कि मध्यम वर्गीय परिवार 60 रुपये प्रत्येक व्यक्ति की दर से जबकि उच्च मध्यम वर्गीय परिवार 80 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से फित्रा दे।