नवभारत डिजिटल टीम: निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने चुनावी बॉण्ड को लेकर नया डेटा (Electoral Bonds Case) रविवार को सार्वजनिक कर दिया। यह डेटा आयोग ने सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को सौंपा था। कोर्ट ने बाद में आयोग से यह डेटा सार्वजनिक करने के लिए कहा था। माना जा रहा है कि ये विवरण 12 अप्रैल, 2019 से पहले की अवधि से संबंधित हैं। आयोग ने पिछले सप्ताह उपरोक्त तारीख के बाद के चुनावी बॉण्ड से संबंधित विवरण को सार्वजनिक किया था।
चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भाजपा ने कुल 6,986.5 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड भुनाए, पार्टी को 2019-20 में सबसे ज्यादा 2,555 करोड़ रुपये मिले। वहीं, तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके को 656.5 करोड़ रुपये का चंदा चुनावी बॉन्ड के जरिए मिला है। जिसमें सैंटियागो मार्टिन की अगुवाई वाली फ्यूचर गेमिंग से प्राप्त 509 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।
SP got Rs 14.05 crore via electoral bonds, Akali Dal Rs 7.26 crore, AIADMK Rs 6.05 crore, National Conference Rs 50 lakh: EC data
— Press Trust of India (@PTI_News) March 17, 2024
जबकि,सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने चुनावी बॉण्ड के जरिए कुल 1,334.35 करोड़ रुपये भुनाए। इसके अलावा ओडिशा की सत्ताधारी बीजेडी को 944.5 करोड़ रुपये इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिले हैं। वहीं आंध्र की सत्ताधारी पार्टी टीडीपी को 181.35 करोड़ रुपये का चंदा मिला है।
जारी आकंड़ों के अनुसार, समाजवादी पार्टी को चुनावी बॉण्ड के जरिए 14.05 करोड़ रुपये, अकाली दल को 7.26 करोड़ रुपये, अन्नाद्रमुक को 6.05 करोड़ रुपये, नेशनल कॉन्फ्रेंस को 50 लाख रुपये मिले। बीआरएस ने 1,322 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड भुनाए। चुनावी बॉण्ड के माध्यम से तृणमूल कांग्रेस को 1,397 करोड़ रुपये मिले। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, बीजद ने 944.5 करोड़ रुपये, वाईएसआर कांग्रेस ने 442.8 करोड़ रुपये, तेदेपा ने 181.35 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड मिले।