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    नई दिल्ली: भारत में कई राज्यों में चुनाव का माहौल बना हुआ है, ऐसे में कई तरह के विषय चर्चा में बने रहते है और इन्ही में से एक है EVM, जी हां आप सब जानते ही है, हमारे देश में हर चुनाव के बाद EVM को लेकर विवाद छिड़ जाता है, जिस पर बहुत चर्चा भी होती है। बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी ने ईवीएम को लेकर सवाल उठाए थे, जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया था। लेकिन जिस EVM को लेकर इतना विवाद हो रहा है, तो क्या आप जानते है कि  EVM को हिंदी में क्या कहते है ? नहीं ना? तो चलिए आज हम आपको बताते है… 

    ‘इस’ साल हुआ था ईवीएम का आविष्कार

    हमेशा चर्चा में बने रहने वाले EVM के बारे में आज हम आपको महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे है, बता दें कि  साल 1980 में एम बी हनीफा द्वारा ईवीएम का आविष्कार किया गया था। इसका पंजीकरण 15 अक्टूबर 1980 को चुनाव आयोग द्वारा करवाया गया। सबसे पहले तमिलनाडु में आयोजित होने वाली सरकारी प्रदर्शनी में देश की जनता ने ईवीएम को देखा था। 

    यहां हुआ था सबसे पहले  ईवीएम का इस्तेमाल 

    जी हां इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की मदद से इसे बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। सबसे पहली बार ईवीएम का इस्तेमाल साल 1982 में हुआ। केरल के परावुर विधानसभा के 50 मतदान केंद्रों पर सबसे पहले इससे वोट डाले गए थे। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस चुनाव में भी एक उम्मीदवार ने अपनी हार का जिम्मेदार ईवीएम को बताया था। 

    जानें हिंदी में क्या है ईवीएम का नाम

    आज हम आपको सबसे पहले हम आपको EVM का फुल फॉर्म बताते हैं। EVM का फुल फॉर्म है ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन'(Electronic Voting Machine)। जहां EVM को अंग्रेजी भाषा में Electronic Voting Machine कहा जाता है। वहीं इसे हिंदी भाषा में इसे ‘मतदाता वोटिंग यंत्र’ कह सकते हैं। 

    इसे भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (BEL), बैंगलोर एवं इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया एवं हैदराबाद के सहयोग से तथा निर्वाचन आयोग के द्वारा तैयार किया जाता है। हालांकि चुनाव आयोग ने इसका हिंदी में कोई ऑफिशियल नाम नहीं बताया है। लेकिन यह तो तय है कि EVM चुनाव के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।