कथावाचक अनिरुद्धाचार्य की विवादित टिप्पणी, कहा- बेटियां देखती हैं फ़िल्में, इसलिए होते हैं 35 टुकड़े

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    जयपुर: कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज (Narrator Aniruddhacharya Maharaj) ने जयपुर (Jaipur) में आयोजित भागवत कथा (Bhagwat Katha) के दौरन एक विवादित बयान दिया है, जिसे लेकर अब उनकी जमकर आलोचना भी हो रही है। महाराज ने लड़कियों को लेकर एक विवादित टिप्पणी दी है। उन्होंने कहा कि लड़कियां पढ़ाई लिखाई के बाद सिनेमाघरों में फ़िल्में (FIlms) देखने जाती हो इसी वह से उनके टुकड़े हो जाते हैं। 

    स्टेच्यू सर्किल पर होटल हवेली गार्डन में आयोजित भागवत कथा में अनिरुद्धाचार्य महाराज ने कहा कि, पहले बेटियां पढ़ने-लिखने की बात कहकर घर से निकलती हैं और फिल्में देखने और पॉपकॉर्न खाने चली जाती हैं। उसके बाद उनके 35 टुकड़े हो जाते हैं। वहीं, अगर बेटियों को 35 टुकड़े होने से बचाना है तो उन्हें संस्कारवान बनाओ।

    वह आगे कहते हैं, बच्चे पैदा करना बड़ी बात नहीं है। बच्चे तो जानवर भी पैदा कर लेते हैं। बड़ी बात होती है उन्हें संस्कार देना। इसमें गलती माता-पिता की भी है, जो बच्चों को संस्कारित नहीं करते। इसलिए बेटियों को पढ़ाने-लिखाने के साथ संस्कारी भी बनाएं, जिससे समाज में कुरीतियों को खत्म किया जा सके, अन्यथा ऐसे खौफनाक दृश्य देखने को मिलते रहेंगे।

    जानकारी के लिए बता दें कि, गोविंदी देवी इंदरलाल डेरेवाला मेमोरियल चेरिटेबल ट्रस्ट और श्रीगौ गौरी गोपाल सेवा संस्था समिति के तत्वावधान में जयपुर में गुरुवार से भागवत कथा चल रही है। यहां, कथा व्यास वृंदावन धाम के अनिरुद्धाचार्य महाराज कथा कर रहें है। इस कथा में 19 दिसंबर को बाल लीला, माखनचोरी, गोवर्धन पूजा और छप्पन भोग के वाचन के दौरान अनिरुद्धाचार्य महाराज ने यह टिप्पणी दी थी।