Arif Mohammed Khan
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तिरुवनंतपुरम: केरल (Kereala) में सत्तारूढ़ वाम मोर्चा सरकार और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Governor Arif Mohammad) के बीच जारी तनाव के मध्य राज्यपाल ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए बृहस्पतिवार को विधानसभा में अपना अभिभाषण केवल अंतिम पैराग्राफ पढ़कर समाप्त कर दिया और इस तरह उन्होंने एक प्रकार से सरकार से अपनी नाराजगी के भी संकेत दिए। राज्यपाल खान सुबह नौ बजे विधानसभा पहुंचे और उन्होंने अपना अभिभाषण नौ बजकर दो मिनट से भी पहले समाप्त कर दिया और वह नौ बजकर चार मिनट पर सदन से रवाना हो गए।

विधानसभा पहुंचने पर अध्यक्ष ए एन शमसीर, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और संसदीय मामलों के मंत्री के राधाकृष्णन ने गुलदस्तों के साथ राज्यपाल का स्वागत किया। राज्यपाल ने अपने नीतिगत संबोधन से पूर्व सदस्यों का अभिवादन किया और कहा, ‘‘अब मैं अंतिम पैराग्राफ पढ़ूंगा।” राज्यपाल ने 62 पन्नों वाले नीतिगत संबोधन में से केवल अंतिम, 136वां पैराग्राफ पढ़ा।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें याद रखना चाहिए कि हमारी सबसे बड़ी विरासत इमारतों में या स्मारकों में नहीं है बल्कि उस सम्मान और लिहाज में है जो हम भारत के संविधान की अमूल्य विरासत और लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, संघवाद तथा सामाजिक न्याय के शाश्वत मूल्यों के प्रति दिखाते हैं।” उन्होंने कहा कि सहकारी संघवाद के मूल ने इतने वर्षों तक भारत को एकजुट और मजबूत रखा है तथा यह सुनिश्चित करना सभी का कर्तव्य है कि वह मूलतत्व कमजोर नहीं पड़े।

राज्यपाल ने कहा, ‘‘इस विविध और सुंदर राष्ट्र के हिस्से के रूप में हम हमारे रास्ते में आने वाली सभी चुनौतियों को पार करते हुए समावेशी विकास और लचीलेपन का ताना-बाना बुनेंगे।” इसके साथ ही राज्यपाल अपना अभिभाषण समाप्त करते हुए अपनी सीट पर बैठ गए। अभिभाषण की समाप्ति पर राष्ट्रगान गाया गया और उसके समाप्त होने पर खान विधानसभा से चले गए। यह पूरी प्रक्रिया पांच मिनट के भीतर ही संपन्न हुई। खान और माकपा नीत केरल सरकार के बीच कई मुद्दों पर मतभेद हैं जिनमें राज्य में विश्वविद्यालयों के कामकाज का मुद्दा और विधानसभा द्वारा पारित कुछ विधेयकों पर उनके द्वारा हस्ताक्षर नहीं करना प्रमुख हैं।(एजेंसी)