नयी दिल्ली. कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने बिहार में 10 लाख नौकरियां देने के महागठबंधन के वादे की पृष्ठभूमि में मंगलवार को इन नौकरियों के सृजन के लिए संसाधनों का खाका पेश करते हुए कहा कि जब युवाओं को नौकरी देनी की नीयत हो तो संसाधनों के अभाव का बहाना नहीं चल सकता।
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बिहार सरकार चला रहे कई लोग यह पूछते हैं कि 10 लाख नौकरियों के लिए संसाधन की उपलब्धता कहाँ से होगी ?उनको हमारा जवाब#देंगे_रोज़गार_बदलेंगे_बिहार
— Prof. Gourav Vallabh (@GouravVallabh) October 27, 2020
वल्लभ ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘राज्यों को प्रादेशिक कर के अलावा मुख्य रूप से केंद्र से मिलने वाली राशि, एफडीआई और घरेलू निजी निवेश से राजस्व प्राप्त होता है। लेकिन बिहार सरकार ने केंद्र से मिले 1.17 लाख करोड़ रुपये का या तो उपयोग नहीं किया या उसे वापस लौटा दिया।” उन्होंने कुछ ग्राफ शेयर करते हुए कहा, ‘‘बिहार में देश में आने वाले एफडीआई का मात्र 0.02 से 0.05 प्रतिशत हिस्सा ही आता है। यदि हम बिहार के हिस्से को देश में आने वाले एफडीआई का 3 प्रतिशत तक भी कर दें तो प्रतिवर्ष लगभग 10,000 करोड़ रुपये का निवेश बिहार राज्य में आएगा।”
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राज्यों को State taxes के अलावा मुख्य रूप से निम्न स्त्रोतों से Money inflow होता है
• केंद्र से मिलने वाली राशि
• FDI
• घरेलू निजी निवेशपर बिहार सरकार ने ₹ 1.17 लाख करोड़ जो केंद्र से मिला उसका या तो उपयोग नहीं किया या उसे वापस लौटा दिया।#देंगे_रोज़गार_बदलेंगे_बिहार pic.twitter.com/ZJHoMlGcyS
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कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया, ‘‘एक्सिम बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार प्रतिवर्ष कुल 16,875 करोड़ रुपये का निर्यात करने की क्षमता रखता है। जबकि वास्तविक निर्यात इस अवधि में मात्र 10,125 करोड़ रुपये का हुआ।” उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में बिहार राज्य में एक भी विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) नहीं है, जबकि पूरे देश में कुल 358 अधिसूचित सेज हैं। बिना सेज की स्थापना के ना तो सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बड़ा निवेश आ सकता है और ना ही कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए।”
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बिहार में देश में आने वाली FDI का मात्र 0.02% – 0.05% हिस्सा ही आता है।
यदि हम बिहार के हिस्से को देश में आने वाली FDI का 3% तक भी कर दें तो प्रतिवर्ष लगभग ₹ 10,000 करोड़ का निवेश बिहार राज्य में आयेगा।#देंगे_रोज़गार_बदलेंगे_बिहार pic.twitter.com/529K1Ukr6W— Prof. Gourav Vallabh (@GouravVallabh) October 27, 2020
वल्लभ ने कहा, ‘‘जहां चाह वहां राह। जब नीति और नीयत नौकरियां देने की होती है तो संसाधनों के अभाव का कोई बहाना नहीं चलता है।” उल्लेखनीय है कि राजद नेता तेजस्वी यादव अपनी चुनावी सभाओं में बार-बार यह कह रहे हैं कि सरकार बनने पर कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख सरकारी नौकरियां देने का फैसला होगा। (एजेंसी)