Amit Shah in Rajya Sabha, Three Criminal Bills

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नई दिल्ली. राज्यसभा (Rajya Sabha) ने भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन आपराधिक विधेयक- भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक, 2023 को गुरुवार को मंजूरी दे दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से ‘तारीख पे तारीख’ युग का अंत होगा।

सदन में उक्त तीनों विधेयकों पर अमित शाह ने कहा, “तीन विधेयकों का मकसद दंडित करना नहीं है लेकिन न्याय देने के लिए हैं। इसके पूर्ण कार्यान्वयन के बाद, एफआईआर दर्ज करने से फैसले के लिए पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।”

शाह ने कहा, “नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से ‘तारीख पे तारीख’ युग का अंत सुनिश्चित होगा और तीन साल में न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा, “हमने कहा था कि न्याय की प्रक्रिया तेज़ की जाएगी, क़ानून सरल बनाए जाएंगे और क़ानून भारतीय होंगे। अब नए आपराधिक कानूनों की आत्मा, शरीर और विचार पूरी तरह से भारतीय हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “अंतर-स्तंभ एकीकरण के लिए विभिन्न अभ्यास चल रहे हैं। नए आपराधिक कानून विधेयकों के पारित होने से पहले विभिन्न डेटाबेस के एकीकरण का 82 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। एक साल के अंदर 18 फीसदी पूरा हो जाएगा।”

शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों के कारण आतंकवाद के कारण 70,000 से अधिक लोग मारे गए।”