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    -सीमा कुमारी

    आमतौर पर बच्चों को जब भी खांसी या जुकाम होती है तो हम बिना सोचे-समझे यानी डॉक्टर के सलाह बिना मार्केट से कफ सिरप लाकर उन्हें पिला देते है। ताकि उन्हें तुरंत राहत मिले। एक रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा की दवा कंपनी ‘मेडन फार्मास्युटिकल लिमिटेड’ के कफ सिरप से गाम्बिया में करीब 66 बच्चों की मौत की खबर है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट की मानें, कफ सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल औ एथिलीन ग्लाइकॉल पाए गए हैं।  

    इसे अधिक मात्रा में पीने से काफी नुकसान होता है। बच्चे कड़वी खांसी की दवा नहीं पी पाते इसलिए उनके सिरप में ये मिलाए जाते हैं। अगर अगर आपको कफ सिरप से जुड़ी ये खबरें डरा रही हों तो ऐसे में आप खांसी के लिए कुछ घरेलू उपचार अपना सकते हैं। तो आइए जानें इस बारे में-

    हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, खांसी और जुकाम की दवाओं से साइड इफेक्ट्स होते हैं। छोटे बच्चों पर इनका ज्यादा खराब असर हो सकता है। फूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) भी 2 साल से छोटी उम्र के बच्चों को खांसी की दवाएं न देने की सलाह देता है। कई दवाओं में 4 साल तक के बच्चों को दवा न देने की वॉर्निंग दी जाती है। अगर खांसी बहुत सीरियस नहीं है तो 6 साल तक के बच्चे को सर्दी-खांसी के लिए दवाओं की जगह घरेलू उपचार दें।

    अगर बच्चा 4 महीने से छोटा है तो खांसी आने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। ये सारे घरेलू उपचार सामान्य खांसी के हैं। बड़े बच्चे को भी खांसी ज्यादा परेशान कर रही है तो डॉक्टर की सलाह पर दवाएं दें। बच्चा अगर 6 महीने से 1 साल का है तो दिन में चार बार 1 से 2 चम्मच गुनगुना नींबू पानी पीने को दें। बच्चा छोटा है तो डॉक्टर की सलाह लें।

    बड़ी उम्र के लोगों को भी खांसी की दवाओं से साइड इफेक्ट्स दिखते हैं। ऐसे में घरेलू उपचार के तौर पर ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। अदरक को कद्दूकस करके शहद में मिलाकर खाएं या दांत के नीचे दबाकर इसका रस गले में जाने दें। खूब पानी पिएं। भाप लें। गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारा करें। खांसी के दौरान एसिड रिफलक्स से बचें। कुछ एसिड वाला न खाएं, खाली पेट न रहें और खाने के तुरंत बाद बिस्तर पर न जाएं। सिर ऊंचा करके सोएं।