National Safe Motherhood Day 2024, Lifestyle News
राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस (Social Media)

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सीमा कुमारी

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: ‘राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस'(National Safe Motherhood Day 2024) हर साल की तरह इस बार भी 11 अप्रैल को ‘राष्ट्रीय स्तर’ (National level) पर मनाया जाएगा। आपको बता दें, महिलाओं के जीवन में गर्भावस्था (pregnancy) एक बेहद ही महत्वपूर्ण चरण है। यह दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, गांधी की पत्नी और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की एक प्रमुख नेता कस्तूरबा गांधी की जयंती के सम्मान में मनाया जाता है।

इस दिवस का उद्देश्य

जानकारों के अनुसार, भारत 11 अप्रैल को ‘राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस'(National Safe Motherhood Day) घोषित करने वाला पहला देश था। इसका मुख्य उद्देश्य गर्भावस्था और प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं से होने वाली मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए गर्भावस्था और प्रसवोत्तर अवधि के दौरान महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना है। साथ ही, स्तनपान कराने वाली माताओं पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। आज राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस’ के अवसर पर आइए जानें इसका इतिहास और महत्व-

राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस का इतिहास

व्हाइट रिबन एलायंस इंडिया (WRAI) ने भारत सरकार से कस्तूरबा गांधी के सम्मान और सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने के लिए 11 अप्रैल को एक विशेष दिन बनाने के लिए कहा।

जिसके बाद 2003 से हर साल 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के रूप में जाना जाता है।

पूरे देश में लोग हर साल एक विशिष्ट विषय पर ध्यान केंद्रित करते हुए, विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों के साथ इस दिन को मनाते हैं।

महत्व

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, बच्चे के जन्म के दौरान हर साल 830 से अधिक महिलाओं की मौत हो जाती है। अधिकारियों ने माना कि प्रसव से पहले, प्रसव के दौरान और बाद में कुशल देखभाल महिलाओं और नवजात शिशुओं के जीवन को बचा सकती है। साथ ही महिलाओं की मृत्यु दर को कम करने के तरीकों पर जानकारी देने वाले अभियान चलाने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस का उद्देश्य वैश्विक मृत्यु दर को प्रति 1000 जन्म पर 70 तक लाना है।

उद्देश्य

इस दिन को मनाने का एकमात्र उद्देश्य लोगों को एक साथ लाना और उन्हें गर्भावस्था के बाद महिलाओं के लिए आवश्यक पर्याप्त देखभाल और कौशल के बारे में जागरूक करना है। बहुत से लोगों को अभी भी इस बात की समझ नहीं है कि गर्भवती महिलाओं को क्या चाहिए और प्रसवोत्तर देखभाल मां और बच्चे के लिए कितनी महत्वपूर्ण है।