नई दिल्ली: इस साल ‘देव दिवाली’ 18 नवंबर 2021 दिन गुरुवार यानी आज मनाई जा रही है। दरअसल हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को देव दिवाली मनाई जाती है। इस ‘देव दीपावली के बारे में मान्यता है कि इस दिन देवता काशी की पवित्र भूमि पर उतरते हैं और दिवाली मनाते हैं।
आपको बता दें कि मुख्य रूप से देव दिवाली काशी में गंगा नदी के तट पर बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। इस दिन काशी नगरी में एक अलग ही उल्लास देखने को मिलता है। हर ओर साज-सज्जा की जाती है और गंगा घाट पर हर ओर मिट्टी के दीपक प्रज्वलित किए जाते हैं। उस समय गंगा घाट का दृश्य भाव विभोर कर देने वाला होता है। तो आज हम आपको इस देव दीपावली के शुभ अवसर पर जानते हैं कि क्यों मनाई जाती है देव दिवाली और क्या है शुभ मुहूर्त व पूजन विधि…
देव दीपावली का शुभ मुहूर्त:
पूर्णिमा तिथि आरंभ- 18 नवंबर 2021 दिन गुरुवार दोपहर 12 बजे से
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 19 नवंबर 2021 दिन शुक्रवार दोपहर 02 बजकर 26 मिनट पर
प्रदोष काल मुहूर्त: 18 नवंबर 2021 सायं 05 बजकर 09 मिनट से 07 बजकर 47 मिनट तक
कुछ पूजा अवधि: 2 घंटे 38 मिनट
देव दिवाली पूजन विधि:
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगा नदी में स्नान करना चाहिए या घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान किया जा सकता है।
इसके बाद भगवान शिव, विष्णु जी और देवताओं का ध्यान करते हुए पूजन करना चाहिए।
संध्या समय किसी नदी या सरोवर पर जाकर दीपदान करना चाहिए। यदि वहां नहीं जा सकते तो किसी मंदिर में जाकर दीपदान करना चाहिए।
अपने घर के पूजा स्थल और घर में दीप जलाने चाहिए।
देव दिवाली का महत्व:
हिंदू धर्म के अनुसार ‘देव दीपावली’ का महत्व बहुत ज्यादा है। ये दिन बहुत पावन माना जाता है। देव दीपावली के दिन गंगा में स्नान करने का बहुत महत्व माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवता पृथ्वी पर आकर गंगा में स्नान करते हैं। इसके साथ ही इस दिन दीपदान करने का भी विशेष महत्व होता है इससे देव प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा दृष्टि करते हैं। इस वजह से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।