Learn the story of all Pitru Amavasya and Muhurat

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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: सनातन हिन्दू धर्म में ‘पौष अमावस्या’ (Paush Amavasya) का विशेष महत्व है। नए साल यानी 2022 की पहली अमावस्या 2 जनवरी, दिन रविवार को है। धार्मिक रूप से इस अमावस्या के दिन स्नान-दान का बड़ा ही महत्व है।

    मान्यता है कि, इस दिन किसी तीर्थ स्थान पर जाकर स्नान-दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, इस दिन पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए जरूरी उपाय भी किए जाते है। ऐसी मान्यता है कि, पितृदोष की वजह से परिवार की सुख और शांति पर असर पड़ता है। वंश वृद्धि में परेशानी आने लगती है। इन सभी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए अमावस्या का दिन शुभ माना जाता है। आइए जानें साल 2022 में ‘पौष अमावस्या’ कब है ? इसकी तिथि कब से आरंभ होगी।

    शुभ मुहूर्त

    अमावस्या तिथि आरंभ

    2 जनवरी, रविववर प्रातः 3: 41 मिनट से।

    अमावस्या तिथि समाप्त

    2 जनवरी, रविवार रात्रि 12:  4 मिनट पर।

    ‘पौष अमावस्या’ पर बन रहे हैं खास योग

    पौष अमावस्या के दिन सर्वार्थसिद्धि योग प्रातः 6:  47 मिनट से शुरू होकर सायं 4: 24 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही प्रातः 9: 42 मिनट तक वृद्धि योग रहेगा।

    पितरों को खुश करने के लिए करें ये उपाय

    कहा जाता है कि अमावस्या के दिन काल सर्प दोष की पूजा और उपाय किए जाते है।   पौष अमावस्या के दिन चांदी से बने नाग-नागिन की पूजा कर उन्हें नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए।

    इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करना अच्छा माना जाता है। अमावस्या के दिन जरूरतमंदों को भोजन कराने से पुण्य मिलता है। आप भी पौष अमावस्या के दिन गरीब और जरूरतमंदों को खाना खिला सकते है। ऐसा करने से आप के पितर प्रसन्न होंगे।  

    शस्त्रों की मानें तो, अमावस्या के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। ‘पौष अमावस्या’ के दिन पूरे विधि विधान से पूजा करने के बाद ब्राह्मणों को खाना जरूर खिलाएं। इसके बाद उन्हें अपने सामर्थ्य अनुसार दान दक्षिणा भी दे सकते हैं।