पुणे. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) ने राज्य में कोरोना संक्रमित (Corona Infected) रोगियों की बढ़ती संख्या की पृष्ठभूमि पर एक हाई वोल्टेज कैबिनेट मीटिंग बुलाई थी। इस मीटिंग के बाद अजीत पवार (Ajit Pawar) ने पुणे (Pune) में संवाददाताओं से की गई बातचीत में कहा कि राज्य में कोरोना की स्थिति बहुत गंभीर होती जा रही है। लोग इतने डरे हुए नहीं हैं जितने पहले डरे हुए रहते थे। घर में एक कोरोना संक्रमित मरीज पूरे परिवार को कोरोना से संक्रमित कर रहा है। लॉकडाउन (Lockdown) का विरोध पुणे ने ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य ने किया है। हमें लॉकडाउन कर के कोई हल नहीं मिल रहा है।
कैबिनेट की बैठक में लॉकडाउन के बजाय सख्त प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया। इसलिए वीकेंड पर सख्त लॉकडाउन का निर्णय लिया गया है। पवार ने आगे कहा कि वर्तमान अभी के कोरोना मरीजों में पहले जैसी परेशानी नहीं हो रही है। हम इस बात का ध्यान रख रहे हैं कि निजी और सरकारी अस्पतालों में बेड की कमी न हो। ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी। इसके साथ ही कोरोना पर 15 अप्रैल तक की स्थिति का निरीक्षण चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा की जाएगी। सरकार की लॉकडाउन लगाने की इच्छा बिल्कुल भी नहीं है। हालांकि अगर लॉकडाउन लगाना पड़ा तो दो दिन पहले सूचित किया जाएगा। ताकि लोगों के पास आवश्यक वस्तु खरीदने का समय मिले और लोगों को कही जाना है तो वो जा सके। ताकि कोई बीच में फंस न जाए।
अब स्थिति बदल गई है
उन्होंने कहा कि शुरुआत में कोरोना के कारण लोग डरने लगे थे, यहां तक कि एक दूसरे से मिलने से भी परहेज करने लगे थे। हालांकि अब स्थिति बदल गई है। इसलिए हमें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।