एजेंडा आ गया सामने अगला मुख्यमंत्री NCP का

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    महाविकास आघाड़ी सरकार के मुख्यमंत्री यद्यपि शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे हैं लेकिन असली पॉवर शरद पवार की पार्टी एनसीपी का है. न केवल एनसीपी के पास मलाईदार विभाग हैं, बल्कि उसका रेवेन्यू शेयर भी कांग्रेस और शिवसेना की तुलना में ज्यादा है. स्पष्ट है कि उद्धव ठाकरे को सीएम के रूप में सामने रखकर एनसीपी सरकार चला रही है. कांग्रेस इसी में संतुष्ट है कि वह आघाड़ी सरकार में एक घटक के रूप में शामिल है. आपस में वैचारिक तालमेल न होते हुए भी बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने गठजोड़ कर महाविकास आघाड़ी बनाई.

    आगामी विधानसभा चुनाव 2024 में होंगे. क्या तब तक आघाड़ी सरकार चल पाएगी? बीजेपी भरसक कोशिश कर रही है कि यह सरकार गिर जाए. इसके लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए भ्रष्टाचार के मामलों में एनसीपी नेताओं को घेरा गया और फिर एजेंसियों ने शिवसेना नेताओं को भी निशाने पर लिया. इस दबाव के बावजूद राज्य सरकार टिकी हुई है और वह भी राज्य की पुलिस व एजेंसियों के जरिए जवाबी कार्रवाई करते हुए किरीट सोमैया जैसे नेता पर सख्त हो उठी है.

    अब यह प्रश्न उठता है कि क्या मुख्यमंत्री पद हासिल करने के लिए एनसीपी अगले विधानसभा चुनाव तक धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करेगी? कोई जरूरी नहीं है कि अगली बार भी आघाड़ी के घटक दलों को सफलता मिले, इसलिए जो भी परिवर्तन होना है, शीघ्र ही होने की संभावना है.

    उद्धव इसी सत्र तक CM

    एनसीपी ने देख लिया कि बीजेपी लगातार चुनौती दे रही है. इतने पर भी यदि आघाड़ी सरकार टिकी हुई है तो शरद पवार की कूटनीति की वजह से. सूत्र संचालन कर रही एनसीपी अब महाराष्ट्र की कुर्सी पर अपना मुख्यमंत्री देखना चाहेगी. लगता है कि उद्धव ठाकरे सिर्फ इसी सत्र तक मुख्यमंत्री रहेंगे.

    अपनी रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन के बाद उद्धव ने अधिकांश कामकाज बंगले से ही निपटाया और सक्रियता नहीं दिखा पाए. इसी वजह से नागपुर की बजाय शीतसत्र मुंबई में लिया गया और फिर बजट सत्र भी वहीं हुआ. इस दौरान अचानक मनसे प्रमुख राज ठाकरे सक्रिय हो गए. उनके कुछ माह के गैप के बाद फिर से एक्टिव होने के पीछे बीजेपी का छुपा सहयोग व प्रोत्साहन बताया जाता है. राजनीति में कुछ भी हो सकता है. इन स्थितियों में सरकार की मजबूती तभी दिख सकती है जब एनसीपी का मुख्यमंत्री हो.

    धनंजय मुंडे का दावा

    राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री व एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने शरद पवार की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की स्वशासन की राजनीति पवार कर रहे हैं. राज ठाकरे को जवाब देते हुए मुंडे ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज हमारी राजनीति के नहीं, आस्था के विषय हैं. मुंडे ने घोषणा की कि आगामी विधानसभा चुनाव में एनसीपी के 100 से ज्यादा विधायक चुने जाएंगे और राज्य का मुख्यमंत्री एनसीपी का ही होगा.

    जयंत पाटिल के नेतृत्व में एनसीपी राज्य की नंबर-वन पार्टी होगी. एनसीपी प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल ने भी कहा कि 14,000 किमी की परिवार संवाद यात्रा के दौरान हम महाराष्ट्र के कोने-कोने में गए तथा 34 जिलों और 353 तहसीलों के लोगों तक पहुंचे. एनसीपी ऐसी पार्टी है जो गरीबों का उत्थान करती है. एनसीपी की इस प्रकार की हलचल और तैयारियों से लगता है कि वह शीघ्र ही मुख्यमंत्री पद हासिल करना चाहेगी.