CBSE रैंक नहीं देगा, स्टेट बोर्ड भी यही प्रणाली अपनाएं

Loading

परीक्षा और नतीजों को लेकर जो परिपाटी चली आ रही है, उसमें सार्थक तरीके से बदलाव करना समय की मांग है. सीबीएसई (CBSE) ने 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा के पहले बड़ा बदलाव करते हुए एलान किया है कि किसी भी छात्र को कोई डिवीजन या डिस्टिंग्शन नहीं दिया जाएगा. साथ ही ओवरआल डिवीजन या एग्रीगेट मार्क्स नहीं देने का फैसला भी किया गया है.

सभी विषयों में कुल प्राप्त मार्क्स का योग नहीं किया जाएगा. सीबीएसई का यह निर्णय ज्यादा अंकों के लिए मचनेवाली होड़ और अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा से बचने के उद्देश्य से है. ऐसा ही निर्णय राज्य शिक्षा मंडल या स्टेट बोर्ड लें तो छात्रों के साथ न्याय होगा. वे रट्टू तोते नहीं बनेंगे बल्कि विषयों को समझेंगे. अभी टॉप करने और अधिक प्रतिशत के लिए कड़ी स्पर्धा होती है.

सीबीएसई का यह निर्णय उचित है कि बेस्ट 5 विषयों के मार्क्स आधार बनेंगे. यदि किसी छात्र ने 5 से अधिक विषयों को लिया है तो एडमिशन या रोजगार के लिए केवल 5 सर्वश्रेष्ठ या अधिक अंकों को ही ध्यान में लिया जाएगा. यह एक व्यावहारिक फैसला है.