Manipur ablaze in violence-arson, Home Minister also on tour after Army Chief

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मणिपुर में डबल इंजिन की सरकार होने पर भी हाहाकार मचा हुआ है. बीजेपी का हर समय दावा रहता है कि यदि केंद्र और राज्य दोनों में उसकी सरकार हो तो सुशासन कायम रखते हुए विकास को गति दी जा सकती है. मणिपुर में बीजेपी की सरकार होने के बावजूद हालात बेकाबू हो गए हैं. हिंसा में दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी हैं. लगातार भीषण खूनखराबा व आगजनी की घटनाएं हो रही हैं. वहां इम्फाल घाटी और उसके आसपास रहनेवाले मैतेई लोगों तथा पहाड़ियों में बसे कूकी जनजाति के बीच जातीय हिंसा जारी है. अशांति का प्रमुख कारण वन क्षेत्रों से जनजातीय लोगों की बेदखली और मैतेई के लिए अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग है. केंद्र ने 2020 में जब परिसीमन प्रक्रिया शुरू की तो मैतेई समुदाय ने आरोप लगाया कि जनगणना के आंकड़े आबादी के विभाजन को सटीक रूप से नहीं दर्शाते. दूसरी ओर कूकी व नगा जनजातियों का दावा है कि आबादी में उनकी हिस्सेदारी 40 प्रतिशत हो गई है फिर भी विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व कम है.

घुसपैठ की समस्या

म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के कारण पूर्वोत्तर में शरणार्थी संकट उत्पन्न हो गया. मैतेई का आरोप है कि चुरा चांदपुर व नोनी जिलों में अचानक नए गांव व बस्तियों की बाढ़ आ गई है. वहां 38 नए गांव बस गए. अवैध घुसपैठियों ने अफीम की खेती और नशीली दवाओं के कारोबार के लिए संरक्षित वनों और वन्यजीव अभयाराण्यों का अतिक्रमण किया है. सरकार ने अफीम के खेत नष्ट करने के साथ नशा विरोधी अभियान शुरू किया. पहला हिंसक विरोध तब भड़क उठा जब एक कुकी ग्राम के निवासियों को वहां से बेदखल किया गया. नगा और कुकी आंदोलन ने भी मैतेई राष्ट्रवाद को हवा दी.

जनजातीय समूहों का विरोध

जनजातीय समूह मैतेई को एसटी का दर्जा देने के खिलाफ हैं क्योंकि ऐसा करने से उनके लिए नौकरी के अवसरों का नुकसान होगा. मणिपुर में सरकार सबसे बड़ी नौकरी प्रदाता या नियोक्ता है. मैतेई बहुल इम्फाल घाटी में बजट और विकास कार्य ज्यादा केंद्रित रहता है जबकि कुकी व नगा खुद को उपेक्षित मानते हैं.

गृहमंत्री अमित शाह ने मैतेई और कुकी दोनों समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील की है. हालात इतने तनावपूर्ण है कि सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे भी स्थिति की समीक्षा के लिए 2 दिन के मणिपुर दौरे पर गए हैं. मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह के अनुसार 40 आतंकवादी मारे गए हैं. ये आतंकी असातट राइफल व स्नाइपर गन लेकर गांवों पर हमला कर रहे थे व आगजनी में शामिल थे. सेना और सुरक्षा बल उनसे निपट रहे हैं. दूसरी ओर सेंट्रल रॅपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के 3 जवानों को निलंबित किया गया जो सादे कपड़ों में थे और एक दूकान को जलाने की कोशिश कर रहे थे.