पंजाब में ड्रग्स तस्करी, पूर्व मंत्री मजीठिया पर शिकंजा

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    पंजाब में प्रकाशसिंह बादल के नेतृत्व वाली अकाली दल सरकार में मंत्री रहे विक्रमसिंह मजीठिया के खिलाफ ड्रग तस्करी मामले में एफआईआर दर्ज की गई. मजीठिया अंडरग्राउंड हो चुके हैं. आरोप है कि मजीठिया ने अपनी प्रापर्टी और गाड़ियों के जरिए नशीले पदार्थों की तस्करी में मदद की तथा नशे को बांटने और बेचने के गैरकानूनी काम को फाइनांस किया. उन्होंने ड्रग्स तस्करी की पूरी साजिश रची. पंजाब में विगत अनेक वर्षों से ड्रग की समस्या विकराल हो चली है. 

    अपने अच्छे स्वास्थ्य और मजबूत कद-काठी के कारण पंजाब के युवक खेलकूद व सेना की भर्ती में आगे रहे हैं. लेकिन अब ड्रग का चस्का लगने से उनका स्वास्थ्य खोखला होता जा रहा है और स्टैमिना कम हो गई है. प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में पंजाब के जवान ही यूरोप के मोर्चों पर बहादुरी से लड़े थे. भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी पंजाब के युवा अग्रणी थे लेकिन अब पुलिस और फौज की भर्ती में कितने ही युवा फिट नहीं पाए जाते. यह ड्रग होस्टलों तक पहुंचाई जाती है. 

    क्या युवाओं को ड्रग का आदी या चरसी बनाने के पीछे पाकिस्तान की साजिश है या कोई अंतरराष्ट्रीय रैकेट काम कर रहा है जिसकी पुलिस के बड़े अधिकारियों और मंत्रियों तक पहुंच रही है? फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ में इसी ड्रग की समस्या को उजागर किया गया था. नशीले पदार्थ बड़े पैमाने पर अफगानिस्तान से पाकिस्तान होते हुए पंजाब पहुंचते हैं. दोनों ओर के तस्करों में मिलीभगत का आरोप है. आतंकियों और ड्रग तस्करों की मदद के आरोप में विगत वर्ष दविंदर सिंह नामक डीएसपी पकड़ा गया था. 

    पंजाब सरकार ने मजीठिया के मामले में एसआईटी गठित कर दी है. गृह विभाग संभाल रहे उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि अगर नशा बेचने वाले गिरफ्तार हो सकते हैं तो मजीठिया भी जल्दी ही पकड़ा जाएगा. दूसरी ओर अकाली दल ने कहा कि मजीठिया को जानबूझकर फंसाया जा रहा है. चाहे जो हो, पंजाब को ड्रग के अभिशाप से मुक्त करना जरूरी है.