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नई दिल्ली: युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) में केवल एक कलाई के स्पिनर (Spinner) को चुनना हो तो इस समय सारा फोकस कुलदीप यादव पर है, क्योंकि कुलदीप यादव ने अपनी गेंदबाजी के तरीके व लाइन लेंछ पर जरूरत से अधिक फोकस करके कुछ बड़े बदलाव किए हैं, जिसका असर उनकी गेंदबाजी में दिख रहा है। कुलदीप यादव ने अपनी सबसे बड़ी कमी को सुधारते हुए खुद को निखारने की कोशिश की है और उसमें सफल भी हुए हैं। वह वनडे विश्वकप में भारत के लिए ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं। 

Kuldeep-Yadav-becomes-'Trump-Card'-For-India
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यदि आपसे से 2022 की शुरुआत में पूछा जाता कि युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव में से किस कलाई के स्पिनर को अगले एकदिवसीय विश्व कप (ODI World Cup) के लिए चुना जाना चाहिए तो आप कुछ और कहते लेकिन अब हालत बदल गया है और आंकड़े भी बदल गए हैं। 2019 विश्व कप के अंत से 2021 के अंत तक, चहल ने 21 वनडे मैचों में 28.47 की औसत से 34 विकेट लिए थे। उसी अवधि में, कुलदीप ने एक मैच अधिक खेला था और केवल 26 विकेट हासिल किए थे। इस दौरान उनका औसत भी 43.73 रहा।

एक शुरू हुआ बदलाव

उस समय ऐसा लग रहा था कि कुलदीप के लिए कुछ भी सही नहीं हो रहा है, यहां तक ​​कि उनकी तत्कालीन आईपीएल (IPL) फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स (Kolkata Knight Riders) ने उन्हें बेंच पर भेज दिया था कम मौके दे रहे थे। लेकिन धीरे-धीरे समय के साथ सब कुछ बदलने गया। ऐसा नहीं है कि चहल ने बहुत ग़लत किया। उन्होंने 2022 की शुरुआत से अब तक 16 एकदिवसीय मैचों में 24 विकेट लिए और उनका औसत भी थोड़ा सा सुधरकर 27.91 हो गया। यहां तक ​​कि उनका इकॉनमी रेट भी 5.70 से गिरकर 5.53 पर आ गया। लेकिन कुलदीप यादव में उनसे बड़ा बदलाव दिखा। अचानक, वह तेज़ गेंदबाज़ी कर रहा था, लेकिन फिर भी उसे टर्न मिल रहा था जिससे बल्लेबाजों को परेशानी हो रही थी। जब वह पहली बार मैदान पर आया। उनकी विविधताएं अभी भी उतनी ही प्रभावी थीं। जिसके नतीजे साफ दिख रहे थे। 

Kuldeep-Yadav-becomes-'Trump-Card'-For-India
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2022 की शुरुआत से देखा जाए तो कुलदीप ने 24 मैचों में 43 विकेट लिए हैं और उनका गेंदबाजी औसत घटकर 18.93 (इस अवधि में) हो गया है। उनका इकॉनमी रेट, जो 2019 विश्व कप के अंत और 2021 के अंत के बीच 5.76 था, गिरकर 4.70 हो गया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया (Australia) और न्यूजीलैंड (Newzealand) के खिलाफ तीन-तीन विकेट और दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के खिलाफ चार-चार विकेट लिए हैं। उसके साथ एशिया कप सुपर फोर वाले मुकाबले में पाकिस्तान के खिलाफ 25 रन पर 5 विकेट लेकर अपना जोर दिखाया था।

ये थी उनकी सबसे बड़ी कमी

जब कुलदीप का करियर पूरी तरह से ढलान पर था, तब उन्हें अक्सर एक धीमी गति से गेंद फेंकने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ता था। ऐसा लगता है कि वह इस कमी को सुधारकर निखर गए हैं। यह उनके करियर का बड़ा परिवर्तन हो सकता है।

आईपीएल 2021 (IPL 2021) के दौरान घुटने की चोट (Knee Injury) के कारण बदलाव की शुरुआत हुई। इसके बाद हुई सर्जरी ने उन्हें एक तरह से नई शुरुआत करने का मौका दिया। जैसे ही उन्होंने पांच महीने की रिकवरी पूरी की और अच्छी गेंदबाजी के साथ वापस आए, उन्होंने अपने रन-अप को लगभग 45 डिग्री के कोण से बदलकर अधिक सख्त बनाया, जिससे बहुत कुछ बदल गया। यह एक बड़ा बदलाव था। 

एशिया कप (Asia Cup) में पाकिस्तान (IND vs PAK) के खिलाफ शानदार प्रदर्शन के बाद कुलदीप ने कहा, “मेरी सर्जरी हुए डेढ़ साल से ज्यादा समय हो गया है। रन-अप सीधा हो गया है। लय आक्रामक हो गई है। इसके साथ ही दृष्टिकोण अच्छा हो रहा है।”

कुलदीप ने आगे कहा कि, “हो सकता है कि मेरा हाथ गिरता दिखता हो..लेकिन वह अच्छी तरह से नियंत्रण में रहता और बल्लेबाज का अधिक से अधिक गेंदों का सामना करता है..मैंने अपनी स्पिन और ड्रिफ्ट नहीं खोई है..और मेरी गति बढ़ गई है, जिससे मुझे मदद मिल रही है।”

कुलदीप ने अपनी  लेंथ पर खास तौर पर फोकस किया है, जिसका फायदा न केवल एशिया कप के दौरान बल्कि भारत के वेस्टइंडीज दौरे पर भी दिखा। कुलदीप ने अपनी सफलता के लिए इसी को खास बताया है। 

कुंबले ने बहुत पहले दी थी सलाह

टीम इंडिया के पूर्व कोच व महान स्पिनर अनिल कुंबले (Anil Kumble) ने भी माना कि कुलदीप के एक्शन व रनअप में बदलाव के कारण अब ‘हर गेंद के पीछे पूरे शरीर का जोर दिखता है। 

कुंबले ने याद दिलाया, “..जब मैं कोच था, तब भी कुलदीप भारतीय टीम में आए थे और हम उनसे सीधी गेंदबाजी कराने की कोशिश कर रहे थे। अब उन्हें सलाम, वह यह समझने में सफल रहे। जो किया जाना था उसे उन्होंने कर दिखाया…इसका अच्छा प्रभाव दिख रहा है और आगे भी दिखेगा।”

कुंबले ने कहा, “वह अब सीधे दौड़ रहे हैं, जिसका मतलब है कि शरीर उस गेंद के पीछे अधिक है, जब वह गेंद फेंकते हैं और इससे निश्चित रूप से उस गति में मदद मिलती है, जिससे वह अब तेज गेंदबाजी करते हैं। यह अब स्वाभाविक रूप से हो रहा है, उन्हें जरूरत तेज गेंदबाजी करने की ज़रूरत नहीं है। ऐसा अब स्वाभाविक रूप से होगा।” 

कुंबले ने आगे कहा कि आगे का हाथ उनके शरीर के आर-पार जाने के बजाय उसकी सीध में आ रहा है। इससे वास्तव में, कुलदीप को अधिक नियंत्रण मिला है। एशिया कप में विशेष प्रदर्शन के बाद कुलदीप विश्व कप में उतरेंगे, जहां उनको और बेहतर प्रदर्शन करने का हौसला मिलेगा।

रोहित शर्मा को है भरोसा

कुलदीप को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले दो वनडे मैचों के लिए आराम दिया गया था, साथ ही रोहित (Rohit Sharma) उन्हें विश्व कप टीम (World Cup 2023) में एकमात्र कलाई के स्पिनर को आगे के मैचों के लिए बचाकर रखना चाहते हैं। रोहित ने ऑस्ट्रेलिया सीरीज से पहले कहा, “कुलदीप एक लयबद्ध गेंदबाज हैं, यह हम सभी जानते हैं..लेकिन हमने बहुत सी चीजों के बारे में सोचा और यह फैसला लिया। हम पिछले एक-डेढ़ साल से कुलदीप पर नजर रख रहे हैं, यही कारण है कि हम उसे ज्यादा उजागर नहीं करना चाहते हैं।..वह आखिरी मैच के लिए वापस आ रहे हैं। कई कारण हैं। यह हमारे लिए सबसे अच्छा निर्णय है, कि उन्हें दो मैचों के लिए बाहर रखा जाए और तीसरा खिलाया जाए। विश्वकप से पहले हमारे पास दो अभ्यास मैच भी हैं.. इसलिए गेंदबाजी की लय के लिए, वह इसमें वापस आ जाएंगे।”

जीत का ट्रंप कार्ड बन सकते हैं कुलदीप

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2023 की शुरुआत से 31 विकेट के साथ, कुलदीप इस साल भारत में विश्व कप खेलने वाली टीमों के खिलाड़ियों के बीच वनडे में संयुक्त रूप से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बनकर उभरे हैं। विश्व स्तरीय गेंदबाजी आक्रमण में कुलदीप खास होंगे। तबरेज़ शम्सी और नूर अहमद विश्व कप में खेलने वाले अन्य बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर होंगे। वह अपने सर्वांगीण सुधार के साथ भारत के लिए ट्रंपकार्ड बन सकते हैं। साथ ही भारत को अपने घर में दूसरा विश्व कप जिताने की कोशिश में मदद कर सकते हैं।