New industries should not be allowed until waste disposal facilities are ensured: NGT

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    नयी दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी)ने वायु प्रदूषण को कम करने के वास्ते खदानों से कोयला थर्मल बिजली संयंत्रों तक पहुंचाने के लिए सड़क का निर्माण नहीं कराने पर छत्तीसगढ़ सरकार को लताड़ लगाई है। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने छत्तीसगढ़ के प्रमुख सचिव को निर्देश दिए कि वह यह सुनिश्चित करें कि सड़क निर्माण के लिए संबंधित विभाग आवश्यक कदम उठाए और क्षेत्र में वायु प्रदूषण से प्रभावित लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं तथा पेयजल मुहैया हो।

    पीठ ने कहा,‘‘ राज्य बोर्ड को उन क्षेत्रों की सूची तैयार करनी चाहिए जहां फ्लाई ऐश का गैर वैज्ञानिक तरीके से निपटान हुआ है और कोयले की मात्रा के बारे में आंकड़े तैयार करना चाहिए, जिन्हें उद्योगों में इस्तेमाल किया गया है और जो थर्मल बिजली संयंत्र के लिए उपलब्ध है।”

    पीठ ने कहा,‘‘ स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास, रायगढ़ से धर्मजयगढ़ और पुंजीपात्रा से मिलूपारा तक आवश्यक सड़क निर्माण, कोयला खदानों में फ्लाई ऐश का निपटान और फ्लाई ऐश के वैज्ञानिक उपयोग के लिए राज्य स्तरीय समिति के गठन के लिए तेजी से कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए ऐसे कदम यकीनन जरूरी हैं।” अधिकरण शिवपाल भगत तथा अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।(एजेंसी)