Aurangabad police managed to increase the graph of exposing crimes

  • 6 प्रतिशत बढ़ा अपराध उजागर करने का ग्राफ
  • सीपी डॉ. निखिल गुप्ता की जानकारी

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औरंगाबाद. पिछले कुछ वर्षों की तुलना में औरंगाबाद शहर पुलिस (Aurangabad City Police) इस वर्ष अपराधों को उजागर करने का 6 प्रतिशत ग्राफ बढ़ाने में कामयाब रही। लॉकडाउन (Lockdown) के चलते पिछले वर्ष की तुलना में करीब 1 हजार अपराध (Crime) कम दर्ज हुए, वहीं पिछले वर्ष शहर पुलिस दर्ज कुल मामलों में 70 प्रतिशत मामले उजगार करने में कामयाब हुई थी। इस वर्ष इसमें 6 प्रतिशत वृध्दि होकर अपराधों को उजागर करने का ग्राफ 76 प्रतिशत पर जा पहुंचा। यह जानकारी शहर के सीपी डॉ. निखिल गुप्ता (CP Dr. Nikhil Gupta) ने संवाददाता सम्मेलन में दी।

उन्होंने बताया कि पुलिस थानों में दर्ज होनेवाले कुल अपराधों में गंभीर 1 से 5 अपराधों का तुलनात्मक जायजा लेने पर शहर पुलिस ने पिछले वर्ष के मुकाबले बेहतर काम  किया है। यह बात अलग है कि करीब 5 माह जारी रहे लॉकडाउन के चलते अपराधों की संख्या में भारी गिरावट आयी है। पिछले वर्ष नवंबर एंड तक शहर में 4 हजार 500 मामलों दर्ज हुए थे, जिसमें 3 हजार 87 मामलों को पुलिस उजागर कर पाई। चालू वर्ष में शहर में 3 हजार 503 मामले दर्ज हुए, जिसमें 2 हजार 673 मामले उजागर करने में पुलिस कामयाब रही।

राज्य कानून के तहत दर्ज 100 % मामले उजागर 

शहर के  सीपी डॉ. गुप्ता ने बताया कि शराब बंदी, अवैध जुआ अड्डे चलाने को लेकर इस वर्ष 3 हजार 139 मामले दर्ज हुए थे, जिसमें लगभग 100 प्रतिशत अपराध उजागर करने में शहर पुलिस कामयाब रही। उसी तरह चोरी,डकैती के दर्ज हुए मामलों से लूटा और चोरी हुए कुल माल में 33 प्रतिशत माल पुलिस रिकवर करने में कामयाब रही। माल रिकवर करने का ग्राफ में भी इस वर्ष 6 प्रतिशत बढ़ोत्री हुई, पिछले वर्ष शहर पुलिस 27 प्रतिशत माल रिकवर कर पाई थी। 

महिला अत्याचारों के मामले भी घटे 

डॉ. निखिल गुप्ता ने बताया कि गत वर्ष महिला अत्याचार के करीब 700 मामले शहर में दर्ज हुए थे। इस वर्ष कोरोना महामारी को लेकर जारी लॉकडाउन के चलते इन मामलों में कमी आकर 593 मामले दर्ज हुए। जिसमें बलात्कार, आत्महत्या, दहेज के अलावा छेडछाड़ के दर्ज मामले शामिल है। साथ ही शहर पुलिस ने चालू वर्ष में 2 हजार 912 लोगों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की है। वहीं, एमपीडीए के तहत 7 लोगों पर कार्रवाई कर उन्हें स्थानबध्द किया गया। 

मोटर वाहन कानून के अंतर्गत बड़े पैमाने पर कार्रवाई 

चालू वर्ष में केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए गए लॉकडाउन में बिना वजह घरों के बाहर निकलनेवालों पर शहर पुलिस ने सख्ती से कार्रवाई की। यहीं कारण हैं कि इस वर्ष शहर पुलिस ने 3 लाख 13 हजार वाहन धारकों पर कार्रवाई करते हुए उनसे करीब 2 करोड़ 27 लाख 15 हजार 100 रुपए कैश जुर्माना वसूला, जबकि 7 करोड़ 38 लाख 41 हजार 900 रुपए अभी अनपेड है।  सीपी ने बताया कि गत वर्ष अपराधों को साबित करने के बाद अपराधियों को शिक्षा दिलाने का प्रमाण 34 प्रतिशत था, इस वर्ष उसमें करीब 8 प्रतिशत इजाफा होकर वह 42 प्रतिशत पर जा पहुंचा है। वहीं, लॉकडाउन के चलते मोटर वाहन दुर्घटनाओं में कमी आयी है। गत वर्ष नवंबर एंड तक शहर में वाहन दुर्घटनाओं के 516 मामले दर्ज हुए थे, इस वर्ष यह आंकड़ा 352 तक सीमित रहा। जिसमें दुर्घटनाओं में घायल और मारे जानेवालों की संख्या भी घटी है। 

साइबर अपराधियों ने लूटी लाखों की रकम मिली वापस 

शहर पुलिस आयुक्तालय के साइबर थाना पुलिस ने बेहतर काम करते हुए उनके पास प्राप्त 55 आवेदनों में से ऑनलाइन फंसाकर लूटी हुई 11 लाख 54 हजार 581 रुपए की  रकम शिकायतकर्ताओं को वापस दिला पायी। मोबाइल चोरी के कुल 65 अपराधों में आईएमईआई ट्रैस कर पुलिस थाना को जानकारी भेजी। कुल 297 मिसिंग प्रॉपर्टी के मोबाइल ट्रैक कर पाए। कुल 1595 मामलों में सीडीआर और एसडीआर दिया गया। नई टेक्नोलाजी का इस्तेमाल कर शहर साइबर पुलिस ने बेहतर काम किया है। 

बाइक और मंगलसूत्र चोरी पुलिस के लिए चैलेंज 

सीपी ने माना कि शहर पुलिस के लिए बाइक और मंगलसूत्र मामले एक चैलेंज है। शहर में बाइक और मंगलसूत्र चोरी के मामले में आए दिन वृध्दि हो रही है। विशेषकर, बाइक चोरी के मामले निरंतर जारी है। इस पर लगाम लगाने के लिए शहर पुलिस अलग-अलग एंगल से काम कर रही है। इसके बावजूद हम बाइक चोरी  के अधिक मामलों को उजागर करने में कामयाब नहीं हो पाए। सीपी डॉ. गुप्ता ने शहर वासियों से वाहन को कंपनी के लॉक के अलावा दूसरा वाहन लगाने का भी सुझाव दिया है । शहर में मंगलसूत्र चोरी के 20 मामले दर्ज हुए, उसमें हम सिर्फ 3 मामले उजागर कर पाए। 

लोगों से संवाद बढ़ाने शाम में पुलिस की पैदल पेट्रोलिंग 

शहर वासियों से संवाद बढ़ाने के अलावा कानून से संबंधित उनकी समस्याओं को जानने के लिए शहर के पुलिस थानों में कार्यरत करीब 1500 कर्मचारियों में से 30 प्रतिशत कर्मचारी यानी 500 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी हर दिन शाम में पैदल पेट्रोलिंग कर नागरिकों से संवाद साध रहे है। जिससे हमें अपराधों की जानकारी हासिल होने में मदद मिल रही है। शहर पुलिस ने यातायात की समस्या हल करने में कड़े कदम उठाने शुरु किए है। शहर के जालना रोड पर बढ़ती यातायात पर लगाम लगाने हमने कई उपाय योजनाएं की है। जालना रोड के बीच यातायात पुलिस ठहरकर यातायात को सूचारु करने में दिन भर जूटी है।  उन्होंने कहा कि नए साल में हमने शहर की यातायात को सुधारने के लिए विशेष संकल्प किया है। उसके तहत नागरिकों से सुझाव मंगाए जा रहे है। नागरिकों के सुझाव पर शहर पुलिस विशेष ध्यान देकर शहर की यातायात समस्या को हल करने को प्राथमिकता देगी। शहर पुलिस ने बड़े पैमाने पर कम्युनिटी पुलिसिंग के अंतर्गत चालू वर्ष में स्कूल, महाविद्यालय, लडकियों के छात्रावास, अनाथ आश्रम, आधारगृह आदि स्थानों पर हजारों युवतियों और नागरिकों को मार्गदर्शन किया। पत्रकार परिषद में डीसीपी निलेश खाटमोडे, डीसीपी मीना मकवाना, एसीपी सुरेश वानखेडे उपस्थित थे।