SP Manish Kalwania

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छत्रपति संभाजीनगर: आए दिन के जिले के कुछ इलाकों में साम्प्रदायिक तनाव होने वाली वारदातों में इजाफा हो रहा है। पुलिस प्रशासन (Police Administration) द्वारा लाख कोशिश करने के बावजूद धार्मिक तनाव पैदा करनेवाले पोस्ट सोशल मीडिया (Social Media) पर डालने का सिलसिला लगातार जारी हैं। इसकी रोकथाम के लिए जिले के एसपी मनीष कलवानिया (SP Manish Kalwania) ने जिले के नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि अपने/गांव/मोहल्ले में धार्मिक कलह पैदा करनेवाली किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें। सोशल मीडिया के माध्यम से कलह फैलानेवाले संदेश, वीडियो, ऑडियो, संदिग्ध या पोस्ट की जानकारी लेकर वे तत्काल इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दें।  

कोई भी व्यक्ति जो जानबूझकर इस तरह के वीडियो, संदेश, बिना किसी कारण के वायरल करके ऐसी अफवाहें फैलाता पाया जाता है, उसके खिलाफ धारा 153, 153 (ए), 295 (ए) के तहत तुरंत मामला दर्ज किया जाएगा और ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

माता-पिता रखें बच्चों पर नजर

माता-पिता और गांव के वरिष्ठ और सम्मानित नागरिक अपने छोटे बच्चों पर नजर रखें, ताकि वे सोशल मीडिया के माध्यम से सामाजिक सद्भाव को भंग न करें या आपत्तिजनक सामग्री न फैलाएं। साथ ही सोशल मीडिया का उपयोग करते समय छात्रों को सोशल मीडिया पर ऐसी कोई भी पोस्ट या स्टेटस पर ना रखें, या फॉरवर्ड नहीं करें, जिससे किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे। यदि उनके द्वारा ऐसा किया जाता है तो पुलिस उनके खिलाफ मामला दर्ज करेगी। अपराध दर्ज होने के चलते कैरक्टर सर्टिफिकेट पर अपराध का पंजीकरण होने से भविष्य में बेहतर नौकरी अथवा व्यवसाय के अवसर से हाथ धोना पड़ेगा। 

पुलिस हर स्थिति से निपटने में सक्षम

एसपी ने कहा कि पुलिस हर स्थिति से निपटने में सक्षम है और साइबर पुलिस की टीम हर तरह की सोशल मीडिया साइट्स पर तकनीक और विशेष उपकरणों की मदद से पैनी नजर रख रही है। पुराने विवादास्पद मामले के कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया के माध्यम से निराधार और झूठी अफवाहें फैलाकर और जातियों और दो धर्मों के बीच दरार पैदा करके अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। समाज विद्रोहियों द्वारा विभिन्न तरीकों को अपनाया जाता है और सामाजिक सद्भाव को बाधित करने के लिए सामाजिक और भावनात्मक मुद्दों को शामिल करके निर्दोष युवाओं के मन में दूसरों के प्रति घृणा पैदा की जाती है। इस वजह से माता-पिता के लिए यह बहुत जरूरी है कि वे अपने बच्चों पर कड़ी नजर रखें, ताकि वे किसी भी सोशल मीडिया पर भड़काऊ या सामाजिक रूप से आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट न करें।