Tigress attack kills woman forest guard in Maharashtra's Tadoba sanctuary
File Photo

Loading

चंद्रपुर: वन विभाग द्वारा हाल ही में महाराष्ट्र के चंद्रपुर में पकड़ी गई दो बाघिनों को जिले में मानव-पशु संघर्ष को रोकने के मकसद से एक बाघ स्थानांतरण कार्यक्रम के तहत शनिवार को नवेगांव नागझिरा बाघ अभयारण्य (एनएनटीआर) में छोड़ा जाएगा। राज्य के वन मंत्री ने यह जानकारी दी। एनएनटीआर राज्य के गोंदिया और भंडारा जिलों में फैला हुआ है। वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए दावा किया कि यह राज्य के भीतर बाघों का पहला स्थानांतरण है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस कार्यक्रम के तहत मानव-पशु संघर्ष को रोकने के लिए करीब 25 बाघों को चंद्रपुर जिले से राज्य के अन्य स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा।” वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस साल चंद्रपुर जिले में अब तक बाघों के हमले में आठ लोग, जबकि तेंदुओं के हमले में दो लोग मारे जा चुके हैं।

उन्होंने बताया कि 2022 में जिले में बाघों और तेंदुओं के हमले में कुल 53 लोग मारे गए थे। चंद्रपुर में मानव-पशु संघर्ष की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर वरिष्ठ वन अधिकारियों ने कुछ बाघों को चंद्रपुर से एनएनटीआर में स्थानांतरित करने की अनुमति के लिए नागपुर में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) के कार्यालय को एक प्रस्ताव भेजा था। वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इसके बाद, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने ऐसे बाघों और बाघिनों को एनएनटीआर में स्थानांतरित करने की मंजूरी दे दी है, जो कोई परेशानी नहीं खड़ी करते हैं। (एजेंसी)