Tribal Protest

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चंद्रपुर. महाराष्ट्र सरकार की ओर से धनगर समाज को आदिवासी में शामिल करने की हलचल चल रही है. जिससे आदिवासी समाज में तिव्र विरोध है. इसी के तहत सोमवार को अ.भा. आदिवासी विकास परिषद की ओर से जिलाधिश कार्यालय समक्ष धरना आंदोलन किया गया. 

धरना आंदोलन में धनगर समाज को आदिवासी में शामिल ना करने, आदिवासियों के नाम पर नोकरी करनेवाले फर्जी आदिवासीयों का संरक्षण तत्काल रद्द करने, शासकिय सेवा का निजिकरण, कंत्राटीकरण रद्द करने, शासकिय नोकरभरती करने, आदिवासीयों के रिक्त स्थानों पर नागपुर शीतकालीन अधिवेशन 2022 में शासन ने घोषित आदिवासी नोकर भरती करने, वर्ष 2005 के बाद सभी शासकिय व अर्धशासकिय कर्मचारीयों को पुरानी पेंशन योजना लागु करने, शासन की ओर से जाति-जाति में दरारे निर्माण करना तत्काल बंद करने, शासकिय वैद्यकिय अस्पताल में प्रशिक्षु डाक्टरों से मरिजों पर उपचार करानेवाले डाक्टरों पर मनुष्य वध का मामला दर्ज करने की मांगे की गई. 

तत्पश्चात प्रतिनिधिमंडल द्वारा जिलाधिश के माध्यम से मुख्यमंत्री तक मांगो का ज्ञापन सौपा गया. धरना आंदोलन में राज्य कार्यकारीणी सदस्य जर्नादन पंधरे, प्रदेश महासचिव केशव तिराणीक, विलास वाघमारे, जिलाध्यक्ष जनार्धन गेडाम, प्रा. परशुराम उईके, विठ्ठलराव कोडापे, भैयाजी येरमे, गुलाबराव मडावी, चंद्रभान खंडाते आदि समेत अन्य आदिवासी बांधव बडी संख्या में सहभागी हुवे थे.