Fadnavis targets Uddhav Thackeray over drug case accused Lalit Patil

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मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) ने ड्रग मामले के आरोपी और यरवदा जेल के कैदी ललित पाटिल (Lalit Patil Drugs Case) को लेकर शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर शुक्रवार को निशाना साधा। बड़ी मात्रा में मेफेड्रोन की बरामदगी के सिलसिले में पकड़े जाने के बाद पाटिल पुणे के एक अस्पताल से भाग गया था।

फडणवीस ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पाटिल, ठाकरे की अगुवाई वाली अविभाजित शिवसेना की नासिक इकाई का प्रमुख था तथा 2020 में जब उसे पकड़ा गया, तब उससे कभी पूछताछ नहीं की गयी, क्योंकि उस दौरान महा विकास आघाड़ी सत्ता में थी। पाटिल को ससून अस्पताल के बाहर मेफेड्रोन की बरामदगी के सिलसिले में पकड़ा गया था। उसे उस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दो अक्टूबर को जब उसे एक्सरे के लिए ले जाया जा रहा था, तब वह वहां से भाग गया था।

पाटिल को बाद में मंगलवार को नासिक में 300 करोड़ रुपये की मेफेड्रोन की जब्ती के सिलसिले में बेंगलुरु के पास एक स्थान से पकड़ा गया तथा अंधेरी की एक अदालत ने उसे 23 अक्टूबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।  फडणवीस ने कहा, ‘‘ ललित पाटिल को 10-11 दिसंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था। उद्धव ठाकरे तब मुख्यमंत्री थे, जब उसे गिरफ्तार किया गया था। जब उसे पकड़ा गया तब पुलिस हिरासत मांगी गयी। पुलिस हिरासत 14 दिनों के लिए थी, लेकिन पाटिल को तत्काल ससून अस्पताल में भर्ती करा दिया गया।”

उन्होंने सवालिये लहजे में कहा, ‘‘पुलिस की ओर से इस बात पर अदालत में कोई आवेदन दाखिल करने की कोशिश नहीं की गयी कि उससे पूछताछ नहीं की गयी या फिर उसकी बीमारी सच नहीं थी। उससे पूछताछ क्यों नहीं की गयी थी। (उसके लिए) कौन जिम्मेदार है, तत्कालीन मुख्यमंत्री (ठाकरे) या गृहमंत्री (अनिल देशमुख।”

फडणवीस ने जानना चाहा कि पाटिल किसके दबाव में था और उसके किसके साथ संबंध थे। संयोग से, शिवसेना (यूबीटी) एकनाथ शिंदे सरकार में गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे फडणवीस पर पाटिल के अस्पताल से भाग जाने को लेकर निशाना साध रही थी। पाटिल गिरफ्तारी के कुछ ही दिनों बाद अस्पताल से भाग गया था।

पुलिस के अनुसार, ससून अस्पताल के बाहर 30 सितंबर को एक व्यक्ति मेफेड्रोन के साथ पाया गया था, जिसके बाद पाटिल को पकड़ा गया था। उसे यरवदा जेल से ससून अस्पताल में भर्ती कराया गया। पहले उसे यरवदा जेल में मादक पदार्थ के एक अन्य मामले में सिलसिले में रखा गया था। यह दूसरा मामला 2022 में पुणे के चाकण में दर्ज किया गया था। (एजेंसी)