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    • 2017 से लेकर अब तक 30 लोग घायल

    गड़चिरोली. गाज गिरने से होनेवाली मृत्यु में करीब 86 फिसदी मृत्यु खेतों में काम करनेवाले लोगों की होती है. गड़चिरोली जिले में वर्ष 2017 से लेकर अब तक 67 लोगों की गाज गिरने से मृत्यु हुई है. वहीं 30 लोग घायल हुए है. गड़चिरोली जिले में खेती यह प्रमुख व्यवसाय है. जिससे खरीप सत्र में किसान समेत खेतीहर मजदूर खेतों में काम करते है. लेकिन बारिश के दिन शुरू होने से बिजली की गडगडाहट के साथ बारिश होने से सुरक्षित जगह नहीं मिल पाने के कारण अनेक बार गाज गिरकर दुर्घटन घटती है. कुछ लोग तुफान दिखाई देने के बाद भी उसकी ओर अनदेखी करते है.

    जिसका नतिजा तुफान में उचित जगह नहीं मिलने से मृत्यु होती है अथवा गंभीर घायल होते है. गाज गिरने से होनेवाले धोके संदर्भ में सूचना देनेवाले शैक्षणिक कार्यक्रम के दृष्टि से खतरा कम किया जा सकता है. किसी भी व्यक्ति को सुरक्षित जगह मिलनी चाहिये. लोग खुली जगह में काम करते समय संभवत: जमीन उंची जगह पर जाना टाले, वहीं गाज से बचने के लिये कोई भी जगह सुरक्षित नहीं होती है. फिर भी इमारत, चौपहिया  वाहन, ट्रक, बस, व्हैन आदि सुरक्षित होते है. गाज गिरने से होनेवाली अधिक से अधिक मृत्यु यह खेतों मेंं काम करनेवाले लोगों की होती है. 

    400 से अधिक पशुहानि

    गाज यह पशुओं के लिये भी नुकसानदायक होती है. बारिश व तुफान में अधिकत्तर मवेशी पेड़ के निचे जाते हे. ऐसे में गाज गिरने से मवेशियों की मृत्यु होती है. गड़चिरोली जिले में पिछले 4 वर्षो में 400 से अधिक पशुहानि होने की जानकारी प्रशासन से मिली है. बिजली व टेलीफोन के तार जमीन के निचे से जाने के कारण गाज गिरकर होनेवाला नुकसान काफी कम होता है. बिजली खंभों तार बिजली प्रवाह के साथ ही गाज को भी इमारत तक ले जाते है. जिससे विद्युत उपकरण व इमारतों का भी नुकसान होता है.

    ऐसे बरते सतर्कता 

    बिजली की गडग़ड़ाटह व गाज, तुफान आते समय घर के बाहर हो तो, इमारत यह सुरक्षित जगह है. वहीं पेड़ कभी भी सुरक्षित नहीं होते. उचे पेड़ खुद की ओर गाज को आकर्षित करते है. जिससे पेड़ से दूरी बनाए रखे. जमीन पर झुके अथवा बैठ सकते है. यदि गाज गिरने क संभावना है तो निचे झुककर बैठ जाए.