येडसिली गांव के लोगों को बस की प्रतिक्षा, ग्रामीण पैदल ही करते है सफर

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    • प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी का नतिजा 

    सिरोंचा. भले ही सरकार व प्रशासन जिले के आखरी छोर पर बसे गड़चिरोली जिले के ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र का विकास करने का दावा कर रहे है, लेकिन वास्तविकता में अब तक जिले के दुर्गम क्षेत्र में विकास की गंगा नहीं पहुंच पायी है. ऐसा ही एक मामला सिरोंचा तहसील के आदिवासी बहुल व अतिदुर्गम क्षेत्र में बसे येडसिली पिछले 30 वर्षो से रापनि की बस नहीं पहुंचने की जानकारी मिली है.

    जिसके कारण पिछले अनेक वर्सो से इस गांव समेत परिसर के गांवों के नागरिकों को पैदल ही सफर करना पड़ रहा है. इस संदर्भ में ग्रामीणों द्वारा प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का अनेक बार ध्यानाकर्षण कराया गया. लेकिन अब तक इस समस्या से राहत नहीं मिली है. जिसके कारण ग्रामीणों में तीव्र नाराजगी व्याप्त है. जिससे तत्काल बससेवा शुरू करने की मांग भी ग्रामीणों ने की है.

    तीन नाले पार कर पहुंचते है झिंगानुर 

    तत्कालीन सिरोंचा विस क्षेत्र के तत्कालीन विधायक पेंटा रामा तलांडी ने दुर्गम क्षेत्र में बसफेरियां शुरू करवायी थी. वर्ष 1980 से 1985 की कालावधि में सिरोंचा-आसरअली-सोमनपल्ली-कोपेला-झिंगानुर-येडसिली मार्ग से देचलीपेठा बससेवा शुरू थी. जिसके कारण यह क्षेत्र के लोगों को यातायात सुविधा मिल रही थी. लेकिन इस बाद से दुर्गम क्षेत्र में बससेवा पूर्णत: बंद हुई.  झिंगानुर से येडसिली 9 किमी, लोहा 11 किमी और कडेड़ यह गांव 13 किमी दुरी पर बसा है. इन गांव के लोग प्रति दिन विभिन्न कार्यो के लिये झिंगानुर में जाते है. लेकिन मार्ग पर करीब तीन नाले होकर नागरिकों को तीनों नाले पार कर झिंगानुर तथा सिरोंचा तहसील मुख्यालय में पहुंचना पड़ रहा है. 

    1981 में लगाया हैन्डपंप आज भी शुरू 

    तत्कालीन विधायक पेंटा रामा तलांडी के कार्यकाल में येडसिली गांव में वर्ष 1981 में हैन्डपंप लगवाया गया था. जो आज भी नियमित रूप से शुरू है. लेकिन दुसरी ओर दो वर्ष पहले तहसील के दुर्गम क्षेत्र में लवगवाए गए हैन्डपंप बंद अवस्था में पड़े होने की जानकारी मिली है. येडसिली के ग्रामीणों ने हैन्डपंप पर सौरऊर्जा प्लेट लगाकर बिजली उत्पन्न कर रहे है. बता दे कि, इस गांव में अब तक बिजली अथवा अन्य बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंच पायी है. जिसके कारण इस गांव के नागरिक बदहाली भरा जीवन जी रहे है. अनेक बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को ध्यानाकर्षण कराने के बावजूद भी कोई भी इस गांव की समस्या का सुद लेते नहीं दिखाई दे रहा है. जिससे मजबूरन ग्रामीणों को बदहाली भरा जीवनयापन करना पड़ रहा है. 

    स्वास्थ्य सुविधा भी मिलना हुआ दुश्वार 

    सिरोंचा तहसील के झिंगानुर स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत येडसिली, लोहा और कडड़े गांव का समावेश है. संबंधित गांवों के नागरिकों स्वास्थ्य सेवा के लिये झिंगानुर गांव में आना पड़ता है. लेकिन झिंगानुर का अस्पताल में भी एक ही डाक्टर के भरोसे चल रहा है. ऐसे में डाक्टर भी समय पर उपस्थित नहीं रहने के कारण लोगों को उपचार नहीं मिल पा रहा है. जिससे इन गांवों के नागरिकों को स्वास्थ्य भी मिलना दुश्वार हो गया है.