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    गोंदिया. एसटी के कर्मचारियों की हडताल के कारण यात्री सहित विद्यार्थी भी परेशान हो गए है. हडताल के कारण एसटी के कर्मचारी तो परेशान है ही वहीं दूसरी ओर उनका परिवार भी आर्थिक संकट से जुझ रहा है. हडताल के कारण एसटी बस के पहिये जहां के वहां रूके हुए है. जानकारी के अनुसार एसटी कर्मचारियों की विविध मांगों को लेकर जारी हड़ताल खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं.

    इस हड़ताल के चलते गोंदिया डिपो के अब तक 11 एसटी कर्मचारियों को निलंबित किया गया है. जबकि ठेका (संविदा) आधार पर कार्यरत 19 कर्मचारियों की सेवाएं पूरी तरह से समाप्त कर दी गई है. इसके बावजूद आंदोलनकर्ता अपनी मांगे पूरी हुए बिना काम पर वापस लौटने की भूमिका पर डटे हुए है. इधर, हड़ताल को अवसर के रूप में देखने वाले निजी ट्रैवल्स की बसें, कालीपीली टैक्सी व ऑटो रिक्शा चालकों ने यात्रियों से निर्धारित दरों से दोगुना यात्री किराया वसूलकर उनकी खुलेआम लूट मचा रखी हैं.

    ऐसे में कुछ दिनों में सातवीं तक की कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया है. जिसके कारण अब विद्यार्थी भी एसटी की मानव विकास की बसों की सेवा न मिलने के कारण परेशानी भुगत रहे हैं. हाईस्कूलों के कुछ विद्यार्थी साइकिलों का इंतजाम कर शालाओं तक पहुंच रहे हैं. लेकिन हजारों विद्यार्थी ऐसे हैं, जिनके पास स्कूल पहुंचने के लिए बस के अलावा कोई साधन नहीं है. ऐसे में मजबूर विद्यार्थी शालाओं तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. शासन द्वारा एसटी की हड़ताल समाप्त किए जाने के लिए लगातार बातचीत की जा रही है. लेकिन अब तक बात नहीं बन सकी है. जिसके चलते हड़ताल लगातार चल रही है.

    संजना पटले, डिपो प्रबंधक, गोंदिया के अनुसार प्रतिदिन 335 बस फेरियां जिले के अंदर व बाहर चलती है व हजारों यात्री बसों से सफर करते हैं. लेकिन हड़ताल के कारण डिपो को प्रतिदिन लगभग 10 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. हड़ताल कब तक चलेगी? इस विषय में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। अब तक गोंदिया डिपो के 11 कर्मचारी निलंबित तथा 19 कर्मचारी बर्खास्त किए जा चुके हैं. कुछ और कर्मचारियों के सस्पेंड किए जाने के आर्डर आ सकते हैं.