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मुंबई. मुंबई की एक अदालत ने सोमवार को उन तीन तमिलनाडु निवासियों की पुलिस हिरासत बढ़ाने संबंधी याचिका खारिज कर दी, जिन्हें कुवैत से नौका के जरिये यात्रा करके पिछले सप्ताह अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने तथा ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ के पास पहुंचने के लिए गिरफ्तार किया गया था। आरोपी नित्सो डिट्टो (31), विजय विनय एंथोनी (29) और जे साहायत्ता अनीश (29) को सात फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। इन आरोपियों को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एस्प्लेनेड कोर्ट) के. एस. ज़ंवर के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

पुलिस ने यह कहते हुए दो दिन की अतिरिक्त हिरासत मांगी थी कि इस मामले की गहन जांच की जरूरत है, क्योंकि अपराध अंतरराष्ट्रीय सीमा उल्लंघन से संबंधित है। पुलिस ने अदालत से यह भी कहा कि इस बात की जांच करने की जरूरत है कि क्या तीनों ने कुवैत में या अपनी नाव यात्रा के दौरान कोई अपराध किया था। पुलिस ने अदालत को बताया कि इस बात की जांच की जरूरत है कि क्या उनके साथ कोई अज्ञात व्यक्ति था, या उन्होंने किसी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है।

तीनों आरोपियों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील सुनील पांडेय ने पुलिस हिरासत बढ़ाने की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पिछली हिरासत के बाद से जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है। पांडेय ने कहा कि अतिरिक्त हिरासत की मांग के लिए मौजूदा नोट पिछले वाले का ‘कॉपी-पेस्ट’ है और (हिरासत बढ़ाने की मांग के लिए) आधार में कोई बदलाव नहीं है। वकील ने अदालत को बताया कि जीपीएस से संबंधित जांच तकनीकी मामला है और इसके लिए आरोपी की व्यक्तिगत हिरासत की आवश्यकता नहीं है।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनन के बाद मजिस्ट्रेट ने डिट्टो, एंथोनी और अनीश को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उसके बाद तीनों ने जमानत के लिए आवेदन किया। अदालत ने जमानत याचिका पर अभियोजन पक्ष से जवाब तलब किया और मामले की सुनवाई 16 फरवरी के लिए टाल दी। तीनों आरोपियों ने दावा किया है कि वे दो साल पहले काम के लिए कुवैत गए थे, लेकिन उनके नियोक्ता ने कथित तौर पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया। तीनों ने कहा कि वे 28 जनवरी को अपने नियोक्ता की नाव पर कुवैत से भाग चले और भारतीय तटों पर पहुंचे। (एजेंसी)