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    नागपुर: महाराष्ट्र (Maharashtra) विधानसभा (Legislative Assembly) में मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद को भ्रष्टाचार रोधी संस्था ‘लोकपाल’ (Lokpal) के दायरे में लाने के प्रावधान वाला लोकायुक्त विधेयक 2022 बुधवार को पारित हो गया। शिक्षक प्रवेश परीक्षा में कथित घोटाले को लेकर विपक्ष के सदन से बहिर्गमन करने के बाद विधेयक बिना किसी चर्चा के पारित हुआ। सदन में यह विधेयक सोमवार को पेश किया गया था।   

    उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने इस विधेयक को एक ऐतिहासिक कानून करार दिया और कहा कि महाराष्ट्र इस तरह का कानून बनाने वाला पहला राज्य है।

    विधेयक के अनुसार, मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई भी जांच शुरू करने से पहले विधानसभा की स्वीकृति प्राप्त करनी होगी और प्रस्ताव को सदन के समक्ष रखना होगा। इस तरह के प्रस्ताव को पारित कराने के लिए विधानसभा के कुल सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई सदस्यों की सहमति जरूरी होगी। 

    वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में विपक्षी सदस्यों ने बुधवार को धरना दिया और कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग दोहराई। विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार के अलावा छगन भुजबल, रोहित पवार और भास्कर जाधव सहित विपक्षी दलों के अन्य विधायकों ने सत्तार के इस्तीफे की मांग को लेकर सदन के बाहर नारेबाजी की। वे सोमवार से मंत्री को हटाने की मांग उठा रहे हैं।