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मुंबई: पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट कही जाने वाली बुलेट ट्रेन परियोजना (Bullet Train Project) अब महाराष्ट्र (Maharashtra) में रफ्तार पकड़ रही है, परंतु इसकी डेडलाइन (Deadline) के साथ लागत भी लगातार बढ़ रही है। बीकेसी (BKC) में बुलेट ट्रेन का अंडरग्राउंड टर्मिनल स्टेशन बनाने की सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। एनएचएसआरसीएल ने मैसर्स एमईआईएल-एचसीसी संयुक्त उद्यम के तहत भूमिगत मुंबई हाई-स्पीड रेल स्टेशन के डिजाइन और निर्माण से संबंधित कार्य के लिए मंजूरी प्रक्रिया पूरी कर दी है। बुलेट ट्रेन के लिए महाराष्ट्र की तरफ दिया जाने वाला यह पहला अनुबंध है।

4.85 हेक्टेयर क्षेत्र में जमीन के 24 मीटर नीचे बनने वाला विश्वस्तरीय टर्मिनल 54 महीने में तैयार किया जाएगा। बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) बुलेट ट्रेन स्टेशन पर 6 प्लेटफार्म होंगे। प्रत्येक प्लेटफार्म लगभग 414 मीटर होंगे जो 16-कोच वाली बुलेट ट्रेन को समायोजित करने के लिए पर्याप्त होंगे। बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स एचएसआर स्टेशन मुंबई अहमदाबाद एचएसआर कॉरिडोर पर एकमात्र भूमिगत स्टेशन होगा।

मेट्रो-2 बी से जुड़ेगा

बीकेसी बुलेट स्टेशन की सड़क परिवहन के साथ मेट्रो-2 बी से कनेक्टिविटी होगी। डीएन नगर को मानखुर्द से जोड़ने वाले  मेट्रो-2बी कॉरिडोर का स्टेशन बीकेसी के बुलेट ट्रेन टर्मिनल से जुड़ जाएगा। इसके अलावा, मेट्रो, बस, ऑटो और टैक्सी जैसे परिवहन के अन्य साधनों के साथ कॉन्कोर्स और प्लेटफॉर्म से जोड़ने की भी योजना है।

बीकेसी से शिलफाटा तक सुरंग

बुलेट ट्रेन के लिए बीकेसी से ठाणे के शिलफाटा तक 21 किमी लम्बी सुरंग बनाई जाएगी। मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल के लिए टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) और न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) का उपयोग कर 7 किमी अंडर-सी टनल भी बनेगा। यह सुरंग जमीनी स्तर से करीब 25 से 65 मीटर गहरी होगी और सबसे गहरा निर्माण शिलफाटा के पास पारसिक पहाड़ी से 114 मीटर नीचे होगा। इसका काम नए साल से शुरू होगा।

ठाणे में पानी के नीचे सुरंग

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए देश में पानी के नीचे पहली बार सुरंग बनाई जाएगी। ठाणे क्रिक में लगभग 7 किमी पानी के नीचे एकल ट्यूब सुरंग होगी। जिसके अंदर जुड़वा ट्रैक बनेंगे। इसके लिए निविदा प्रक्रिया शुरू है। इसके अलावा पालघर में भी स्टेशन होगा। बुलेट ट्रेन के लिए बीकेसी से ठाणे के शिलफाटा तक 21 किमी लम्बी सुरंग होगी। वैसे ठाणे जिले के भिवंडी स्थित मानकोली में बुलेट ट्रेन का कारशेड होगा। इसके लिए जमीन का अधिग्रहण हो गया है।

गुजरात में डेडलाइन 2027  

2017 में शुरू हुई बुलेट ट्रेन परियोजना को 2023 तक पूरा करना था, लेकिन विभिन्न कारणों से इसकी गुजरात की तरफ से इसे शुरू करने की डेडलाइन 2027 कर दी गई है। इसका काम तीन पैकेज में काम हो रहा है। गुजरात के 8 जिलों में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है। शत-प्रतिशत जमीन अधिग्रहण के साथ एलिवेटेड कार्य शुरू है। नदियों पर पुल बनाए जा रहे हैं। यहां तक पटरियां बिछाने का काम भी शुरू हो गया है।

98 फीसदी जमीन का अधिग्रहण

बताया गया कि बुलेट ट्रेन के लिए 98 फीसदी से ज्यादा जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। कुछ विवाद के कारण महाराष्ट्र में पहले ही देरी हो चुकी है। पिछले दिनों  सुप्रीम कोर्ट द्वारा गोदरेज की याचिका लौटाए जाने पर बुलेट ट्रेन के रास्ते में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो चुकीं हैं। महाराष्ट्र में काम की शुरुआत अब हो चुकी है, लेकिन डेडलाइन बढ़ने की संभावना है।

बढ़ेगी परियोजना की लागत

2017 में शुरू हुई बुलेट ट्रेन परियोजना को 2023 तक पूरा करना था, लेकिन विभिन्न कारणों से बुलेट ट्रेन का ट्रायल  2027 के पहले नहीं हो पाएगा। एनएचएसआरसीएल अधिकारियों के अनुसार, शुरू में यह परियोजना 1.10 लाख करोड़ रुपए थी, परन्तु देरी के साथ अब लागत बढ़ बढ़ रही है। तैयार होते होते 1.65 लाख करोड़ रुपए तक कॉस्ट बढ़ सकती है। महाराष्ट्र में मुंबई (बीकेसी), ठाणे, विरार और बोइसर चार स्टेशन बनने हैं। ठाणे, पालघर में स्टेशन का काम नहीं शुरू हो पाया है।