- युवाओं के नौकरी के सपने को तोड़ा
- मुंबई की सुरक्षा का मुद्दा बेहद संवेदनशील
- किसको लाभ पहुंचाना चाहती है यह सरकार
- NCP सांसद ने दी आंदोलन की चेतावनी
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने तीन हजार पुलिस कर्मियों की भर्ती (Mumbai Police Recruitment) को कॉन्ट्रैक्ट (Contract) पर करने का फैसला लिया है। राज्य की शिंदे सरकार (Shinde Government) ने यह निर्णय मुंबई पुलिस में कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के मकसद से लिया है। यह भर्ती महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम के माध्यम से अधिकतम 11 महीने की अवधि के लिए की जाएगी। सरकार ने इन कॉन्ट्रैक्ट पुलिसकर्मियों के वेतन के लिए 30 करोड़ रुपए के खर्च को भी मंजूरी दे दी है। हालांकि अब इस फैसले को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है।
युवाओं के नौकरी के सपने को तोड़ा
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली शिंदे सरकार ने युवाओं के सरकारी नौकरी के सपने को तोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट पर पुलिस भर्ती शुरू करके आरक्षण पर भी गहरी चोट की गई है। सरकार का यह फैसला सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहद खतरनाक और गंभीर है। पटोले ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार गुजरात की आउटसोर्सिंग पर काम कर रही है। उन्होंने यह बात गुरुवार को नागपुर में कही।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली शिंदे सरकार ने युवाओं के सरकारी नौकरी के सपने को तोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट पर पुलिस भर्ती शुरू करके आरक्षण पर भी गहरी चोट की गई है। सरकार का यह फैसला सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहद खतरनाक और गंभीर है। पटोले ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार गुजरात की आउटसोर्सिंग पर काम कर रही है। उन्होंने यह बात गुरुवार को नागपुर में कही।
मुंबई की सुरक्षा का मुद्दा बेहद संवेदनशील
राकां प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई शहर की सुरक्षा बेहद संवेदनशील मुद्दा है। ऐसे में क्या इस सरकार ने अनुबंध के आधार पर शामिल होने वाली पुलिस की विश्वसनीयता और सूचना की गोपनीयता के बारे में सोचा है। राज्य में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी बढ़ रही है। सरकार आरक्षण के नाम पर एक समुदाय को दूसरे समुदाय के खिलाफ खड़ा कर रही है।
राकां प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई शहर की सुरक्षा बेहद संवेदनशील मुद्दा है। ऐसे में क्या इस सरकार ने अनुबंध के आधार पर शामिल होने वाली पुलिस की विश्वसनीयता और सूचना की गोपनीयता के बारे में सोचा है। राज्य में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी बढ़ रही है। सरकार आरक्षण के नाम पर एक समुदाय को दूसरे समुदाय के खिलाफ खड़ा कर रही है।
किसको लाभ पहुंचाना चाहती है यह सरकार
ऐसे में कुशल और अकुशल नौकरियों को अनुबंध के आधार पर नियुक्त करना शिक्षित युवाओं के शोषण का एक रूप है। इसके लिए कुछ निजी कंपनियों को ठेके दिये जा रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह सरकार किसके फायदे के लिए ऐसे फैसले ले रही है। निजीकरण की मानसिकता को बढ़ावा देने वाली इस ‘कॉन्ट्रेक्ट सरकार’ के खिलाफ जन आक्रोश बढ़ रहा है।
आंदोलन की चेतावनी
राकां सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, अगर सरकारी नौकरियां कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर भरी जाएगी तो फिर आरक्षण का क्या होगा? यह पूरी योजना भ्रष्टाचार से जुड़ी है। आखिर यह योजना किन लोगों के जेबों को गर्म करने के लिए लाई गई है। राज्य सरकार इस तरह के फैसले लेकर युवाओं को गुमराह करने का काम कर रही है। इस फैसले को वापस नहीं लिया गया तो हम सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे।
राकां सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, अगर सरकारी नौकरियां कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर भरी जाएगी तो फिर आरक्षण का क्या होगा? यह पूरी योजना भ्रष्टाचार से जुड़ी है। आखिर यह योजना किन लोगों के जेबों को गर्म करने के लिए लाई गई है। राज्य सरकार इस तरह के फैसले लेकर युवाओं को गुमराह करने का काम कर रही है। इस फैसले को वापस नहीं लिया गया तो हम सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे।