BCG trial on elderly completed in KEM, hospital sent report to ICMR
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मुंबई: मुंबई के नामचीन केईएम अस्पताल पर असुविधाओं का आरोप लगा है। यहां इलाज कराने आनेवाले मरीजों को नाहक परेशानी उठानी पड़ रही है। इस पर राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है। मनसे नेता संदीप देशपांडे ने चेतावनी दी है कि यदि 3 जुलाई से पहले अस्पताल की सुविधाएं व्यस्थित नहीं की गई तो बीएमसी और केईएम अस्पताल के खिलाफ तीव्र आंदोलन छेड़ा जाएगा। दरअसल सिंधुदुर्ग की रहनेवाली अंकिता प्रभु-वालावलवकर के सिर पर चोट लगी थी, वह इलाज कराने आई केईएम अस्पताल आई थी। डॉक्टरों पर काम के बोझ का तनाव, अपर्याप्त स्टाफ और अस्पताल की असुविधाओं का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया था। अंकिता मस्तिष्क की गंभीर चोट के कारण 14 जून को केईएम में भर्ती कराया गया था। अंकिता को सीटी स्कैन की जरूरत पड़ी तो अस्पताल की मशीन खराब होने की बात कहकर निजी सेंटर से सीटी स्कैन कराने कहा गया। इस मामले को लेकर मनसे ने अस्पातल को सेवाएं व्यस्थित करने का अल्टीमेटम दिया है। 

अन्य मरीजों के परिजनों ने भी आरोप लगाए 

बीएमसी के अधीन केईएम अस्पताल पर अन्य मरीजों के परिजनों ने भी आरोप लगाए हैं। केईएम अस्पताल में देशभर से मरीज इलाज कराने आते हैं। मरीजों की हमेशा भीड़ लगी रहती है। करीब 2250 बेड वाले इस अस्पताल में 390 प्रोफेसर और 550 रेजिडेंट डॉक्टर कार्यरत हैं। ओपीडी और आईपीडी में रोजाना करीब दो से ढाई हजार मरीज इलाज कराने आते हैं। 

सीटी स्कीन और ऑपरेशन की लंबी तारीख  

मरीजों को सीटी और एमआरआई स्कैन की लंबी तारीख मिल रही है, इसलिए मजबूरन वे बाहर से निजी सेंटरों सीटी और एमआरआई स्कैन करा रहे हैं। आपरेशन के लिए भी लंबा समय दिया जा रहा है। दवाइयां मुफ्त मिलनी चाहिए लेकिन डाक्टरों द्वारा लिखी गई कुछ दवाइयां अस्पताल में उपलब्ध ही नहीं हैं। वार्डों और शौचालयों साफ-सफाई का अभाव होने आरोप मरीजों के परिजनों ने लगाया है।