Anil Deshmukh
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    मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को मनी लांड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बांबे हाई कोर्ट (Bombay High Court) को देशमुख की जमानत अर्जी पर जल्द सुनवाई करने का निर्देश दिया है। वह हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल कर सकते हैं।

    न्यायाधीश अजय रस्तोगी और न्यायाधीश बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि उम्मीद और विश्वास है कि बांबे हाई कोर्ट इस मामले पर तेजी से सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने देशमुख को जमानत याचिका हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की अनुमति दी है। कोर्ट ने कहा कि अदालत हाई कोर्ट के लिए कोई तारीख तय नहीं कर सकती है।

    जल्द सुनवाई का अनुरोध

    अनिल देशमुख की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि याचिकाकर्ता की उम्र 73 साल है। याचिकाकर्ता मार्च में दायर की गई लंबित जमानत याचिका को लेकर हाईकोर्ट में जल्द सुनवाई का अनुरोध करता है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता अपनी जमानत अर्जी को जल्द से जल्द सूचीबद्ध करने के लिए आवेदन दायर करने के लिए स्वतंत्र हैं।

    न्यायिक हिरासत में हैं देशमुख

    देशमुख को ईडी ने पिछले साल नवंबर में अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया था। देशमुख अभी न्यायिक हिरासत में हैं। हाईकोर्ट ने 8 अप्रैल को देशमुख की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी थी। साथ ही खराब स्वास्थ्य का हवाला देने के बावजूद जमानत याचिकाओं की तत्काल सुनवाई की मांग को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि चिकित्सा आधार पर तत्काल सुनवाई की मांग एक समस्या बन गई है।

    ईडी ने किया जमानत याचिका का विरोध

    ईडी ने अपने हलफनामे में देशमुख की जमानत याचिका का विरोध किया है। ईडी ने आरोप लगाया कि देशमुख ने गृह मंत्री के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया था। आरोप है कि राज्य के गृह मंत्री रहते हुए देशमुख ने बर्खास्त  सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वझे के माध्यम से मुंबई में विभिन्न बार एवं रेस्टोरेंट से 4.70 करोड़ रुपए वसूले थे।