Maharashtra CM Eknath Shinde

Loading

मुंबई: कर्नाटक चुनाव (Karnataka Elections) में बीजेपी की हार (BJP Defeat) से महाराष्ट्र (Maharashtra) में जहां एमवीए (MVA) के नेता गदगद हैं, वहीं राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट (Eknath Shinde Faction) की धड़कने तेज हो गईं हैं। दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्णय से राज्य की 10 महीने पुरानी शिंदे-फडणवीस सरकार तो बच गई, परंतु अब शिंदे गुट के लोगों को अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता सताने लगी है। शनिवार को जिस तरह कर्नाटक विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया उससे साफ नजर आ रहा था कि जनता धीरे-धीरे बीजेपी (BJP) के रिजेक्शन का मन बना रही है।

10 माह पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नेतृत्व वाली शिवसेना से बगावत कर एकनाथ शिंदे ने पार्टी के 40 विधायकों को अपने साथ लेकर बीजेपी के साथ सरकार बनाई। उस समय बगावत करने वाले सभी विधायकों को पूरा विश्वास था कि आगामी चुनाओं में बीजेपी के साथ उनकी नैया पार हो जाएगी।

कांग्रेस के 15 बागी विधायक हारे

अब तक अपराजेय मानी जाने वाली बीजेपी को कर्नाटक में कांग्रेस ने चारो खाने चित कर दिया है। यही नहीं बल्कि कर्नाटक में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जाने वाले कांग्रेस के 17 विधायकों में से 15 चुनाव हार गए हैं। राज्य में उद्धव गुट ने भी बगावत करने वाले विधायकों को गद्दार की संज्ञा देते हुए उनके खिलाफ अभियान चला रखा है उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने यहां तक कहा कि बीजेपी ने अपनी हार को देखते हुए बजरंगबली को मैदान में उतारा, लेकिन उनकी गदा भाजपा पर ही पड़ गई है,यही स्थिति महाराष्ट्र में भी होने वाली है। 

शिंदे गुट के नेता भी रिजल्ट से डरे

कर्नाटक में बीजेपी की पराजय से शिंदे गुट के विधायक भी सकपकाए हुए हैं। उन्हें डर है कि यदि उनके सामने एमवीए एकजुट हुई तो वे बीजेपी के साथ होकर भी उनका मुकाबला नहीं कर पाएंगे। कर्नाटक चुनाव परिणाम से महाराष्ट्र के सीएम और उनकी पार्टी के विधायकों के कान खड़े हो गए हैं। उन्हें लग रहा है कि सिर्फ पीएम मोदी और अमित शाह के बल पर अगला चुनाव नहीं जीत पाएंगे। राज्य के विपक्षी दल भी कर्नाटक में कांग्रेस की जीत को पीएम  मोदी और अमित शाह की हार बता रही है।