Ramdas Kadam, Dengue, Ajit Pawar

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    मुंबई: शिवसेना पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को लगभग एक माह से झटके पर झटका लग रहा है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Minister Eknath Shinde) के नेतृत्व में शुरू हुई विधायकों की बगावत के बाद से पार्टी के नगरसेवकों, पदाधिकारियों के उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ने का सिलसिला शुरू है। नगरसेवकों, पदाधिकारियों के बाद अब शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के कट्टर शिवसैनिक माने जाने वाले रामदास कदम (Ramdas Kadam) ने शिवसेना (Shiv Sena) के नेता पद से इस्तीफा दे दिया है। 

    शिवसेना पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में कदम ने कहा है कि शिवसेना नेता पद पर हमारी नियुक्ति शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने की थी, लेकिन शिवसेना प्रमुख के निधन के बाद से नेता पद की कोई कीमत नहीं रह गई है। रामदास कदम का इस्तीफा उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

    शिंदे गुट में शामिल होने की तैयारी!

    मिली जानकारी के मुताबिक, रामदास कदम ने भी शिंदे गुट में शामिल होने की तैयारी की है। शिवसेना नेता रामदास कदम मंत्री और विपक्ष के नेता रहे हैं, हालांकि पूर्व पर्यावरण मंत्री अनिल कदम की वजह से वह पिछले काफी दिनों से नाराज चल रहे थे। अनबन की वजह से ही कदम को शिवसेना के दशहरा रैली में आमंत्रित भी नहीं किया गया था। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बगावत करने वाले शिवसेना के 39 विधायकों में रामदास कदम के पुत्र विधायक योगेश कदम का नाम शामिल है। योगेश कदम एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहाटी गए हुए थे।

    कहा था- अंतिम समय तक शिवसेना में रहेंगे

    शिंदे के बगावत के समय रामदास कदम ने कहा था कि वह अंतिम समय तक शिवसेना में रहेंगे। हां, बेटे के बारे में कुछ नहीं कह सकता हूं। शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में रामदास कदम ने महाविकास आघाड़ी सरकार में शामिल होने के विरोध का भी जिक्र किया है। कदम ने कहा है कि जब वर्ष 2019 में महाविकास आघाड़ी सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू थी तभी हमने कहा था कि शिवसेना प्रमुख ने जीवन पर्यंत कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का विरोध किया। दोनों पार्टियों के साथ सरकार बनाना ठीक नहीं है। उस समय हमारे सुझाव को नजरअंदाज किया गया। उसी की वजह से यह परिस्थिति उत्पन्न हुई है।