…तो मुंबई में लॉकडाउन नहीं, बीएमसी कमिश्नर ने दिया भरोसा

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    मुंबई: मुंबई (Mumbai) में रोजाना 20 हजार कोरोना मरीजों (Corona Patients) का आंकड़ा पार करते ही लॉकडाउन (Lockdown) लगा देने की जानकारी बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल (BMC Commissioner Iqbal Singh Chahal) और महापौर किशोरी पेडणेकर ने दिया था। लेकिन पिछले दो दिन से मुंबई में मरीजों की संख्या 20 हजार के उपर मिल रही है। हालांकि अब बीएमसी कमिश्नर ने कहा कि मुंबई में बढ़ रहे कोरोना के आंकड़ों का कोई महत्व नहीं है। मुंबई में बेड और डेथ दोनों कंट्रोल में हैं। जब तक यह कंट्रोल में हैं संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की जरुरत नहीं है।

    महापौर ने किशोरी पेडणेकर ने भी मीडिया से बातचीत में कहा कि अभी पूरी तरह लॉकडाउन लगाने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन कोरोना की मुंबईकर इसी तरह से अनदेखी कर लापरवाही बरतते रहे तो कठोर प्रतिबंध लगाना ही पड़ेगा।

    आंकड़ों पर लॉकडाउन नहीं किया जाता 

    बीएमसी कमिश्नर ने कहा कि आंकड़े महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि अस्पताल, ऑक्सीजन और बेड के अलावा मुंबई में डेथ रेट की स्थिति क्या है इसका महत्व है। मरीजों की संख्या कम होने पर ऑक्सीजन आवश्यकता बढ़ती है तो लॉकडाउन पर विचार किया जा सकता है। मरीज बढ़ने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। चहल ने कहा कि आंकड़ों पर लॉकडाउन नहीं किया जाता है। कमिश्नर ने कहा कि 21 डिसंबर से मुंबई में मरीज बढ़ने शुरु हुए थे। 16 दिन में केवल 19 मृत्यु हुई है। दिन में एक लगभग एक मरीज की मौत हो रही है। एक्टिव मरीजों की संख्या 1 लाख के ऊपर चली गई है, लेकिन मृत्यु 1 हो रही है। इसलिए आंकडों को देखकर प्रतिबंध की आवश्यकता नहीं है। चहल ने कहा कि ओमीक्रोन के 85 प्रतिशत मरीज मिल रहे हैं। ओमीक्रोन के कारण डेल्टा के मरीज कम हो गए हैं।

    बीएमसी कमिशनर की 8 बड़ी बातें

    • 70% से अधिक मरीजों में लक्षण नहीं
    • जिनमें लक्षण नहीं है उन्हें किसी दवा की आवश्यकता नहीं पड़ रही है।  विटामिन ए  की भी नहीं।
    • अधिकतम 7 दिन होम क्वारंटाइन
    • आईसीयू में शायद ही किसी मरीज को भर्ती करने की आवश्यकता पड़ रही है
    • जिन्हें ऑक्सीजन और आईसीयू पर रखा गया हैं वे एहतियातन रखे गए हैं।
    • देर रात को छोड़कर कोई भी लॉकडाउन या ज्यादा बदलाव का प्रस्ताव नहीं है।
    • झोपड़पट्टियों में प्रतिरोधक क्षमता पहले ही अधिक है।
    • तीसरी लहर का चक्र 6 सप्ताह के बाद समाप्त होने वाला है (जैसा कि दक्षिण अफ्रीका और स्वीडन में हुआ है।)  हम पहले से ही तीसरे सप्ताह में हैं। इसलिए फरवरी अंत तक यह लहर खत्म होने की उम्मीद है।