मुंबई: राज्य में पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) की कीमतों (Prices) को कम करने को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा (BJP) के साथ सरकार में शामिल लोग भी वैट (VAT) घटाने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर एक बार फिर राजनीति गरमाने लगी है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने को लेकर निशाने पर रहने वाली भाजपा अब आक्रामक रुख अख्तियार कर रही है। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करने का निर्णय लिया था उसके बाद कई राज्यों ने भी अपने वैट में कटौती की है। महाराष्ट्र सरकार ने अभी तक इस संदर्भ किसी तरह का निर्णय नहीं लिया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) ने कहा है कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर लागू उत्पाद शुल्क में 5 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर लागू शुल्क में 10 रुपए प्रति लीटर की कटौती की है। केंद्र सरकार की तरह ही राज्य सरकार को भी पेट्रोल- डीजल के कर में कटौती करनी चाहिए। यह जनता की स्वाभाविक अपेक्षा है, लेकिन सत्ताधारी पार्टी के प्रवक्ता बेतुके तर्क देकर कह रहे हैं कि सभी सहूलियत केंद्र सरकार को ही देनी चाहिए।
तीनों ही पार्टी का ढोंग जनता के सामने आ गया
भाजपा अध्यक्ष पाटिल ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के मूल्य वृद्धि के विरोध में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने आंदोलन किया गया था। सत्ताधारी महाविकास आघाड़ी की तरफ से टाल-मटोल शुरू होने से तीनों ही पार्टी का ढोंग जनता के सामने आ गया है। इन पार्टियों को जनता की समस्याओं से कुछ भी लेना-देना नहीं है। केवल केंद्र सरकार पर निरंतर जिम्मेदारी डालना है।
पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती के बारे में मुझे राज्य सरकार से बात करनी होगी। हालांकि महाराष्ट्र सरकार चाहती है कि राज्य का जीएसटी का जितना पैसा केंद्र के पास बकाया है, वह उसे रिलीज कर दे। उसके बाद ही राज्य सरकार वैट घटाने को लेकर फैसला करेगी।
- शरद पवार, एनसीपी अध्यक्ष