मुंबई: भाजपा (BJP) के निलंबित विधायकों (Suspended MLA) ने विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवल (Narhari Jirwal) से मुलाकात कर उन्हें अपना लिखित निवेदन दिया। भाजपा नेता आशीष शेलार (Ashish Shelar)ने कहा कि वे अपना पक्ष सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में रखेंगे। निलंबित विधायकों की याचिका पर मंगलवार 11 जनवरी को सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है।
विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन के पहले भाजपा के निलंबित 12 विधायकों ने उपाध्यक्ष को पत्र लिख कर निलंबन रद्द करने की मांग की गयी थी। उसी पत्र के आधार पर उपाध्यक्ष जिरवल ने निलंबित विधायकों को सुनवाई के लिए बुलाया था। जिसके तहत आशीष शेलार, योगेश सागर,पराग अलवानी , अभिमन्यु पवार, जय कुमार रावल एवं नारायण कुचे कुल 12 में से 6 विधायकों ने उपाध्यक्ष से मुलाकात की। अन्य निलंबित विधायकों की तरफ से शेलार ने लिखित निवेदन दिया।
निलंबन प्रकरणी मा.विधानसभा उपाध्यक्षांच्या सुनावणीला आम्ही आज 6 आमदार 12 आमदारांच्यावतीने उपस्थिती राहिलो. आमचे निवेदन लेखी स्वरुपात दिले. सर्वोच्च न्यायालयाच्या म्हणण्यानुसार सदर निलंबन हे सभागृहाने केले असल्याने सभागृह सुरु नसताना सुनावणीचा काय उपयोग, हे आम्ही लक्षात आणून दिले! pic.twitter.com/18vYwJ92dC
— Adv. Ashish Shelar – ॲड. आशिष शेलार (@ShelarAshish) January 10, 2022
सर्वोच्च न्यायालय में अपील की
विधानमंडल के मानसून अधिवेशन में तत्कालीन पीठासीन अशिकारी शिवसेना के भास्कर जाधव के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार मामले में भाजपा के 12 विधायकों को निलंबित किया गया था। भाजपा विधायक एवं पार्टी के मुख्य सचेतक आशीष शेलार व अन्य 11 विधायकों ने निलंबन के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है। सर्वोच्च न्यायालय ने उसे स्वीकार किया है। जिस पर 11 जनवरी मंगलवार को सुनवाई होनी है।
निलंबन रद्द करने का फैसला भी सदन ही ले सकते हैं: योगेश सागर
पूर्व मंत्री योगेश सागर ने कहा कि निलंबित करने का फैसला सदन ने लिया था, निलंबन रद्द करने का फैसला भी सदन ही ले सकते हैं। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर हम सभी ने शीतकालीन अधिवेधन के पहले ही निर्णय पर दोबारा विचार करने का निवेदन किया था। उपाध्यक्ष निर्णय नहीं ले सकते हैं, इसलिए अब बुलाने का कोई मतलब नहीं है। इस लिए हम सभी ने अपनी बात लिखित रुप में दी है।
मामले की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय में होनी है, उसके एक दिन पहले विधानमंडल की तरफ से नोटिस भेज कर बुलाना समझ से परे है। सरकार क्या चाहती है इस पर बोलने की अपेक्षा मैं अपनी बात सर्वोच्च न्यायालय में रखूंगा।
-आशीष शेलार, भाजपा विधायक