Auto Taxi
फाइल फोटो

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    -तारिक़ खान

    मुंबई: शहर भर की लाखों टैक्सी-ऑटो (Taxi-Auto) के लिए पिछले दिनों मुश्किल तब आई जब सीएनजी गैस (CNG Gas) की कीमत 3.96 रुपए बढ़ा दी गई। इससे टैक्सी-ऑटो रिक्शा चालकों पर भारी पर बोझ पड़ गया है। गैस की कीमत बढ़ने के बाद मुंबई टैक्सी यूनियनों (Mumbai Taxi Unions) ने टैक्सी का किराया (Fare) 5 रुपए बढ़ाने की मांग की है, जबकि ऑटो रिक्शा यूनियन इस मामले पर अभी विचाराधीन है। इसके अलावा अब मुंबईकरों (Mumbaikar)को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि आरटीओ कमिश्नर ने फरमान जारी कर वैक्सीन की दोनों डोज वालों को ही ऑटो-टैक्सी में प्रवेश देने की बात कही है।

     हालांकि इस पर उतनी कड़ाई से अमल नहीं किया जा रहा है, पर इसे लेकर अब मुम्बईकर इस दुविधा में है कि आखिर जाए तो जाए कहां। उधर, लोकल ट्रेनों में में दो डोज की अनिवार्यता ने भी आने जाने वालों की मुश्किल बढ़ा रखी है।

    ऑटो रिक्शा किराया बढ़ोतरी पर हम विचार कर रहे है,हालांकि गैस की कीमत बढ़नेसे रिक्शा चालकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।लेकिन राज्य सरकार पहले ऑटो चालकों को पिछले छह माह का भुगतान प्रतिमाह 10 हजार रुपए के हिसाब से दे,लॉकडाउन के समय छह माह तक ऑटो पूरी तरह बंद थी और चालकों का परिवार भुखमरी की कगार पर था,वहीं वैक्सीन की दोनों डोज वालों को ही ऑटो-टैक्सी में प्रवेश मिलेगा के फरमान के बाद पैसेंजरों की संख्या में और भी कमी होने वाली है इसके लिए इसका भी भुगतान राज्य सरकार हर माह 10 हजार रुपए ऑटो चालकों को देकर करे।

    -शशांक राव, ऑटो रिक्शा यूनियन लीडर

    कोरोना महामारी के नाम पर पहले ही बस-ट्रेन में यात्रा करने पर पाबंदी लगा दी गई है,अब ओमीक्रोन वायरस के नाम पर ऑटो-टैक्सी में यात्रा के लिए दोनों डोज आवश्यक का फरमान जारी किया गया है। राज्य सरकार कोरोना-ओमीक्रोन से बचाने के लिए अच्छा इलाज ढूंढने की बजाए निचले तबके के लोगों की यात्रा करने वाले साधनों पर प्रतिबंध लगाकर क्या हासिल कर लेगी। रसोई गैस, सीएनजी, डीजल, पेट्रोल आदि की बढ़ती कीमतों ने पहले ही मुंबईकरों की मुश्किलें बढ़ा दी है और सबसे ज्यादा इसे गरीब तबका और गृहिणियां प्रभावित होंगी जिन्होंने किसी कारणवश डोज़ नहीं लिया है।

    -जैनेट अग्रवाल, समाज सेविका

    महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) द्वारा पिछले सप्ताह कीमत 3.96 रुपए बढ़ाने के बाद सीएनजी की कीमत अब 61.50 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया है। प्रति डेढ़ किलोमीटर न्यूनतम किराया 25 रुपए से बढ़ाकर 30 रुपए किया जाने की मांग की है क्योंकि गैस की कीमतों में संशोधन से टैक्सी चालकों को रोजाना 100 रुपए का नुकसान हो रहा है।

    -ए. एल. क्वाड्रोस, मुंबई टैक्सीमेंस यूनियन

    जिनके पास निजी वाहन नहीं है और किसी कारण उन्होंने अपनी वैक्सीन के दोनों डोज़ नहीं लिया हो तो क्या वह जरूरत पड़ने पर पैदल सफर करेंगे,अगर उनके घर में कोई बीमार हुआ तो कैसे उसे हॉस्पिटल लेकर जायेंगे,सरकार को चाहिए की महामारी के इस दौर में गरीब जनता की मदद करते हुए उन्हें सरकारी सुविधाएं दे न की ऐसे फरमान जारी कर उन्हें कष्ट दे।सारे सरकारी फरमान सिर्फ गरीब लोगों के लिए है।

    - पारुल मकवाना, शिक्षक