
नागपुर. महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में भेंट देकर विवि व संलग्नित महाविद्यालयों के शिक्षक पद भर्ती की समीक्षा की. राज्य सरकार ने राज्यभर के विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में 2,088 पद भर्ती को मंजूरी दी है. इसी के मद्देनजर आयोग ने पदों की मौजूदा स्थिति का जायजा लिया.
विवि के सभागृह में आयोजित बैठक में कुलसचिव राजू हिवसे, आयोग सदस्य सेवानिवृत्त न्यायाधीश चंद्रलाल मेश्राम, नीलिमा सरप (लखाडे), गोविंद काले, सह आयुक्त मुंबई मेघराज भते, विभागीय सहसंचालक संजय ठाकरे, उपकुलसचिव संजय बाहेकर, उपकुलसचिव वसीम अहमद, सह आयुक्त माविक मनोहर पोटे, कक्ष अधिकारी संजय काटपाताल, दिनेश तिजारे उपस्थित थे.
शासन निर्णय ११ अप्रैल, २०२२ के अनुसार संवर्ग निहाय आरक्षण का क्रियान्वयन होना चाहिए. इसका लाभ सभी संवर्ग को मिलना चाहिए. ओबीसी, वीजेएनटी, ईडब्ल्यूएस इन संवर्ग के पदों को लाभ के उद्देश्य और 2,088 शिक्षकों के पद जल्द भरने की दिशा में प्रयास जारी है.
राज्य में पद भर्ती अनुशेष दूर किया जाना है. सदस्यों ने बताया कि नैक के दृष्टिकोण से उन संस्थाओं का मूल्यांकन बढ़ेगा. साथ ही छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण भी मिल सकेगा. महाराष्ट्र के गैर कृषि विवि में ओबीसी, वीजेएनटी, ईडब्ल्यूएस संवर्ग को योग्य पद्धति से न्याय मिल रहा है या नहीं, इसकी पड़ताल करने और फिर उसी तरह की सिफारिश शासन द्वारा करना समिति का कार्य है. सदस्यों ने बताया कि महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा विधान भवन के पटल पर सभी विश्वविद्यालयों की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाने वाली है.