Nylon Manja
प्रतीकात्मक तस्वीर

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नागपुर. तमाम तरह की पाबंदियों के बाद भी सोमवार को नायलॉन मांजा ने कहर ढाया. पतंगबाजों ने जैसे-तैसे जुगाड़ कर नायलॉन मांजा खरीदा और दिनभर पतंगें उड़ाईं. सुबह से ही सिटी के आसमान पर पतंगों की कलाबाजी के साथ ही ‘ओ काट, ओ काट’ की आवाज ने बच्चों से लेकर युवाओं तक में जोशभर दिया लेकिन यही पतंगबाजी कई लोगों के लिए मुसीबत भी बनी. चौबीस घंटे के भीतर मेयो और मेडिकल में 20 से ज्यादा लोग इलाज के लिए पहुंचे. इनमें से किसी की नाक, कान, गर्दन और उंगलियां कट गई तो कुछ मांजा फंसने से वाहन सहित गिर पड़े. मकर संक्रांति पर पतंगबाजी एक ओर जहां उत्साह बढ़ाती है, वहीं दूसरी ओर अन्य लोगों के लिए जानलेवा भी होती है.

दुर्घटनाओं की संभावनाओं के मद्देनजर मेडिकल प्रशासन ने कैजुअल्टी और ओपीडी को अलर्ट मोड पर रखा था. चौबीस घंटे के भीतर मेडिकल में 10 लोग इलाज के लिए आये. वहीं इतने ही लोग मेयो में भी पहुंचे. जबकि प्राइवेट अस्पतालों में भी कई लोगों ने अपना इलाज कराया. इनमें 5 वर्ष से लेकर 60 वर्ष के वृद्धों का समावेश रहा.

नायलॉन मांजे की वजह से किसी की नाक, गर्दन, कान पर जख्म हो गया तो किसी की उंगलियां कट गई. मेडिकल के वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे ने बताया कि गंभीर रूप से जख्मी एक 10 वर्षीय बालक का इलाज चल रहा है. वह पतंग उड़ाते वक्त बिजली के तारों पर झूल गया था. पतंग कटने के बाद उसे पकड़ने के लिए बच्चों से लेकर युवा भी सड़कों पर दौड़ते नजर आये. इस बीच गिरने की वजह से ही कई जख्मी हो गये. पतंगबाजों के चक्कर में आवारा श्वानों की भी दिनभर सक्रियता नजर आई.

चिता की लकड़ियों पर भी फंसा मांजा

सोमवार को पतंगबाजी की वजह से मांजे कई जगह पड़े नजर आए. सड़क, बिजली के तार, केबल, छतों सहित पेड़ों पर भी मांजा झूलता नजर आया. मांजा ने किसी भी जगह को नहीं छोड़ा. मानेवाड़ा श्मशान घाट में चिताओं को जलाने के लिए लगाई गई लड़कियों में मांजा फंसा दिखाई दिया. कई पतंगे टूट कर घाट के पेड़ों पर गहराती रही.