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    नागपुर. गर्मी के मौसम में शहर में आग लगने की कई घटनाएं हो चुकी हैं लेकिन इससे कोई भी सबक लेने के लिए तैयार नहीं है. लोग रहियशी बिल्डिंग के पास लगे ट्रांसफार्मरों के नीचे या वाहन पार्किंग के आसपास कचरा डंप कर रहे हैं. इस कचरे में सबसे ज्यादा प्लास्टिक वेस्ट होता है जो आग जल्दी पकड़ता है. लेकिन इससे लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. इसके साथ ही आसपास के सफाईकर्मी भी कचरा वहीं डंप कर रहे हैं जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

    गर्मी के मौसम में आग की घटनाएं कुछ दिनों में काफी बढ़ गई हैं. मार्च के अंतिम सप्ताह में सीताबर्डी इलाके में सड़क किनारे रखीं 2 बाइक जलकर खाक हो गई थीं. इसकी वजह कचरे में आग लगना सामने आई. इस कचरे में किसी सिगरेट या बीड़ी पीने वाले व्यक्ति ने अनजाने में माचिस की जलती हुई तीली फेंक दी जिससे प्लास्टिक के मटेरियल ने आग पकड़ ली. इस आग की जद में 2 बाइक आ गईं.

    गनीमत यह रही कि समय पर लोगों के पता चल गया और उन्होंने आग बुझाने के प्रयास किए तब जाकर दूसरी बाइक्स को बचा पाए.  इस मामले में समाजसेवी अतुल सिंह का कहना है कि शहर प्रशासन को कचरे के लिए जगह-जगह बड़ी संख्या में लोहे के टैंक रखना चाहिए जिससे लोग सड़क किनारे कचरा न फेंकें क्योंकि गर्मी के मौसम में प्लास्टिकयुक्त कचरा फेंकना किसी खतरे से कम नहीं है. 

    कई घंटों तक पड़ा रहता है

    पहले तो सफाई कर्मियों के साथ आमजनों द्वारा कचरे को गलत जगह इकट्ठा कर दिया जाता है. इसके बाद कचरा उठाने वाली गाड़ी कई इलाकों में नियमित नहीं आती जिससे वह कचरा घंटों तक एक ही जगह पर पड़ा रहता है. इस कचरे में प्लास्टिक की थैली और बोतलों के साथ अन्य सामान होने के कारण आग लगने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. खासकर गर्मी के मौसम में आग जल्दी लगती है. लेकिन कोई भी इसे समझने के लिए तैयार नहीं है. शहर के हर इलाके में कचरे के ढेर आसानी से मिल जाएंगे.