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नागपुर. अतिरिक्त सह जिला न्यायाधीश तथा अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आरआर भोसले की कोर्ट ने नाबालिग के अपहरण, विनयभंग और दुष्कर्म के आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ विभिन्न धाराओं के तहत भी दोषी बातकर कड़ी सजा दी गई. दोषी का नाम बेलदारनगर निवासी शुभम उर्फ सत्यनारायण रामलाल भंडारी (21) बताया गया.

जानकारी के अनुसार 23 अगस्त 2019 को नाबालिग पीड़िता बिना किसी को बताये घर से चली गई. पीड़िता की मौसी ने नंदनवन थाने में शुभम के खिलाफ पीड़िता के अपहरण, विनयभंग और दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया. करीब 6 दिन बाद 29 अगस्त को पुलिस ने शुभम और पीड़िता को ढूंढ निकाला. शुभम को गिरफ्तार कर लिया गया. 

सुनाई कड़ी सजा

सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा पेश किए गये सबूतों, गवाहों और अभियोजन पक्ष की दलीलें के आधार पर कोर्ट ने शुभम को दोषी करार दिया. उसे पोक्सो एक्ट के धारा 12 के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास और 6,000 रुपये आर्थिक दंड भरने को कहा गया. दंड न भरने पर 5 महीने अतिरिक्त जेल भोगनी होगी.

एक्ट के तहत ही धारा 12 के तहत 3 वर्ष की सजा व 3,000 रुपये जुर्माना, आईपीसी की धारा 366 के तहत 5 वर्ष की जेल और 5,000 रुपये जुर्माना, धारा 354 (अ) के तहत 1 वर्ष की जेल और 1000 रुपये जुर्माना, धारा 376 (2) (जे) के तहत 10 वर्ष की जेल और 6,000 रुपये जुर्माना और धारा 506 के तहत दोषी घोषित कर 2 वर्ष की जेल और 1,500 रुपये आर्थिक दंड की सजा सुनाई. हर सजा में आर्थिक दंड न भरने पर शुभम को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. महिला एएसआई स्नेहलता जायभोये ने जांच की और चार्जशीट फाइल की. अभियोजन पक्ष की ओर से एड. गवली और बचाव पक्ष की ओर से एड. चेतन ठाकुर ने कोर्ट के समक्ष दलीलें पेश की. एपीआई संजय यादव और प्रमोद यावले ने कोर्ट का कामकाज देखा.