Maharashtra Seat Sharing
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नागपुर : महाराष्ट्र के राजनीति में महा विकास अघाड़ी और एनडीए की गठबंधन दलों में भी सीटों के बंटवारे के लिए एक दूसरे की राह देखी जा रही है। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा एक दूसरे की सूची के इंतजार में लटका हुआ है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित करके चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। अब उसे केवल 28 सीटों पर गठबंधन के सहयोगी दलों की सहमति से अपने उम्मीदवारों की घोषणा करनी है। 

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एकनाथ शिंदे-अमित शाह-अजित पावर

भाजपा के सूत्रों का कहना है कि 28 सीटों पर गठबंधन के सहयोगी दलों की सहमति बन गयी है, केवल सीट शेयरिंग की घोषणा होनी है। इसके लिए भाजपा नेता महा विकास अघाड़ी की सीट शेयरिंग का इंतजार कर रहे हैं, ताकि मिशन 400 के लिए उसी हिसाब से दाव खेला जा सके। ऐसे में माना जा रहा है की भाजपा खेमे के शेष प्रत्याशी घोषित करने के पहले कांग्रेस व उनके सहयोगियों की सूची का इंतजार किया जा रहा है। 

भाजपा कांग्रेस व उनके अन्य साथियों के सीट बंटवारे के हिसाब से अपनी सीटें शेयर करना चाहती है। भाजपा जानना चाहती है कि महा विकास आघाडी गठबंधन में कौन सा दल किस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हुआ है, उसी हिसाब से एनडीए गठबंधन के दलों को सीटें बांटी जाएंगी और उसी हिसाब से उम्मीदवार चुने जाएंगे।

जानकारी में यह बात निकाल कर आ रही है भारतीय जनता पार्टी यह चाहती है कि पहले राज्य में कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची घोषित हो जाए और इस आधार पर वह अपने उम्मीदवार तय करें, जिससे अधिक से अधिक सीटों पर जीत सुनिश्चित की जा सके। उसी हिसाब से सहयोगी दलों की सीटों का निर्धारण हो सके।

कहा जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी को यह डर सता रहा है कि अगर उसमें सहयोगी दलों के साथ सीटों का बंटवारा कर लिया तो कांग्रेस पार्टी इंडिया गठबंधन के सीटों का ऐलान उसी हिसाब से करेगी। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी किया असंतुष्ट नेता पार्टी के खिलाफ जा सकते हैं। साथ ही उनके सहयोगी दल एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार के कुछ लोग अपनी पुरानी पार्टी में वापस जा सकते हैं। इसीलिए भारतीय जनता पार्टी फूंक-फूंककर कदम उठा रही है।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र सबसे बड़ा राज्य है, जहां लोकसभा की 48 सीटें हैं। इसलिए भारतीय जनता पार्टी इन सीटों को लेकर बेहद संवेदनशील है और वह नहीं चाहती कि यहां किसी भी हालत में विपक्षी गठबंधन उनसे आगे निकल जाए।