नागपुर. ग्राम पंचायत चुनाव के परिणाम आने के बाद भाजपा की ओर से बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं. ये दावे भी एक जुमला ही हैं. भाजपा में अगर हिम्मत है तो ग्रापं पर दावा करने की बजाय राज्य में लटका कर रखे गए मनपा, नगर परिषद के साथ ही रिक्त हो गई लोकसभा व विधानसभा सीट पर उपचुनाव करवाकर दिखाए. यह चुनौती पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने दी.
उन्होंने कहा कि मुंबई से लेकर गली तक भाजपा की नेता मंडली जश्न मना रही है कि ग्रापं चुनाव में सबसे अधिक सीटें मिली हैं लेकिन किस ग्रापं में सत्ता आई उसकी सूची नहीं दे रही. कुछ प्रतिज्ञा पत्र मीडिया को दिखाकर झूठी आंकड़ेवारी बताई जा रही है. अगर इतनी ही गंभीरता किसानों, बेरोजगारी, महंगाई व आरक्षण के मुद्दों पर दिखाते तो जनता को फायदा होता.
पुणे-चंद्रपुर का चुनाव क्यों रोका
देशमुख ने सवाल किया कि गिरीश बापट के निधन से पुणे व बालू धानोरकर के निधन से चंद्रपुर लोस सीट खाली हो गई है. देश के दूसरे राज्यों में रिक्त सीटों पर उपचुनाव कराए गए लेकिन महाराष्ट्र में क्यों नहीं करवाये गए. दिवाली को 4 दिन बचे हैं और किसानों को नुकसान भरपायी नहीं मिली है. समर्थन मूल्य से काफी कम दाम उपजों को मिल रहा है. राज्य के उद्योग बाहर जा रहे हैं जिससे बेरोजगारों को काम नहीं मिल रहा. जनता में भाजपा के प्रति चिढ़ व रोष है और इसी भय से वह राज्य में मनपा, नगर परिषद चुनाव व उपचुनाव नहीं करवा रही है. हिम्मत है तो भाजपा को चुनाव करवाना चाहिए.