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    • मनपा आयुक्त ने जारी किए आदेश
    • 116 मनपा के स्कूल
    • 1,053 निजी स्कूल

    नागपुर. कोरोना की दूसरी लहर पूरी तरह नियंत्रण में आने के बाद प्रशासन द्वारा शुरुआत में 8वीं से लेकर 12वीं तक की कक्षाएं शुरू करने का सिलसिला शुरू किया था. किंतु ओमिक्रॉन के झटके के बाद पुन: इन्हें बंद कर दिया गया. 16 दिसंबर से पहलीं से 7वीं तक की कक्षाएं शुरू करने का भी निर्णय लिया गया था किंतु बाद में कोरोना की तीसरी लहर तेज होने से स्कूलों को बंद कर दिया गया. अब फिर एक बार 1 फरवरी से पहली से 12वीं तक की कक्षाएं ऑफलाइन शुरू करने के आदेश मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी. ने जारी किए हैं. बताया जाता है कि मनपा के अधिकार क्षेत्र में जहां 116 स्कूल हैं वहीं 1,053 निजी शालाएं हैं. 

    शर्तों का भारी डोज

    मनपा आयुक्त द्वारा मंगलवार से ही ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने के आदेश तो जारी किए किंतु शालाएं शुरू करते समय किए जाने वाले उपायों और शर्तों का भारी डोज संस्थानों को दे दिया है जिनका पालन कितने कारगर तरीके से हो पाएगा, यह देखने योग्य है. शर्तों के अनुसार सभी स्कूल के शिक्षक और अन्य कर्मचारियों के वैक्सीन के दोनों डोज पूरे होने चाहिए. इसी तरह से स्कूल के सभी शिक्षक और अन्य कर्मचारियों को 48 घंटे पूर्व आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना है. कर्मचारियों को टेस्ट का प्रमाणपत्र स्कूल व्यवस्थापन को देना है. छात्रों के पालकों को स्कूल के भीतर प्रवेश नहीं दिया जाएगा. एक बेंच पर केवल एक छात्र और 2 बेंच के बीच में 6 फुट का अंतर रखना होगा. 

    -मनपा स्कूलों में 9,319 छात्र

    -निजी स्कूलों में 2,40,396 छात्र

    इन शर्तों का भी करना होगा पालन

    -स्कूलों में सम्मेलन या अन्य कार्यक्रमों में भीड़ होने की संभावना के चलते आयोजन पर कड़ी पाबंदियां रखी जाएंगी. शिक्षक-पालक की बैठकें भी संभवत: ऑनलाइन ही लेनी होगी.

    -स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति से पहले उनके पालकों की सहमति जरूरी होगी. स्कूल व्यवस्थापन समिति को पालकों से इस संदर्भ में चर्चा करनी होगी.

    -स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बंधनकारक नहीं होगी. पूर्णत: पालकों की सहमति पर ही यह निर्भर होगा. 

    -प्रत्येक स्कूल में हेल्थ क्लिनिक शुरू किया जाना चाहिए. छात्रों के तापमान की हर दिन जांच होनी चाहिए. 

    2 शिफ्ट में हो स्कूलों का संचालन

    जारी किए गए आदेशों के अनुसार जिन स्कूलों में अधिक छात्र हैं वहां पर हर दिन 2 शिफ्ट में स्कूलों का संचालन होना चाहिए. प्रत्यक्ष कक्षाएं 3 से 4 घंटे तक ही सीमित होना चाहिए. इससे अधिक समय तक कक्षाएं नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा पहली से चौथी कक्षाओं तक के छात्रों के प्रैक्टिकल्स नहीं लिए जा सकेंगे. अत्यावश्यक होने पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. पहली से चौथी तक के छात्रों के लिए किसी भी तरह की स्पोर्ट्स एक्टिविटी नहीं होगी.